दोस्तों आज का यह लेख महत्वपूर्ण होने वाला है हम सभी जानते हैं | भारत में समय-समय पर कई सारे व्यक्ति चर्चा में आते रहते हैं ,ठीक उसी तरह आज पूरे भारतवर्ष में एक व्यक्ति अत्यधिक प्रचलित हो रहे हैं |
सोशल मीडिया और हर क्षेत्र में उनकी प्रशंसा भी हो रही और उस शख्स का शायद आप लोग नाम भी जानते होंगे – धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री | तो आइए जानते हैं धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के जीवन के बारे में समझने का प्रयास करते हैं –
धीरेन्द्र शास्री पर निबंध 2023
परिचय –
श्री धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री भारत के प्रचलित संत , कथावाचक एवं पंडित है | धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री भारत में बागेश्वर धाम सरकार के नाम से जाने जाते हैं | भारत के एक छोटे से गांव गढ़ा में स्थित तीर्थ स्थल -बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर है ,गड़ा नामक यह गांव भारत के मध्य प्रदेश राज्य के जिले छतरपुर में स्थित है |
प्रारंभिक जीवन –
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का जन्म 4 जुलाई 1996 को मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के गड़ा नामक गांव के एक गरीब परिवार में हुआ था | उनका बचपन गांव में ही बीता और उनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही सरकारी विद्यालय से प्रारंभ हुई थी |
वह एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखते थे | धीरेन्द्र शास्त्री बचपन से ही बड़े शांत और सौम्य स्वभाव के व्यक्ति रहे हैं | बचपन के दिनों में वह अपने आसपास के गांव में भीख मांग कर तथा रामचरितमानस और सत्यनारायण कथा सुनाकर जीविकोपार्जन किया करते थे |
गांव में विद्यालय से लौटने के बाद उनका अधिकतर समय रामायण , महाभारत, वेदों आदि के शिक्षा ग्रहण करने में गुजरता था |
आध्यात्मिक जीवन –
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पिता पुजारी थे ,और उनका जन्म एक हिंदू गर्ग परिवार में हुआ था | अर्थात पिता पुजारी होने के कारण उनका अधिकतर समय पूजा-अर्चना ,पाठ और ध्यान में व्यतीत होता था | इस कारण उनका लगाव धर्म ,ध्यान और धार्मिक कार्यों से प्रगाढ़ होता चला गया |
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के अनुसार वह न तो किसी देवता के अवतार है और ना ही कोई तांत्रिक वह एक साधारण मानव है | कथित तौर पर श्री धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को भगवान हनुमान ने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर बनने और समाज सेवा के लिए जीवन व्यतीत करने और जीवन त्याग करने का निर्देश दिया था |
ऐसा मानना है कि वह एक साधारण व्यक्ति है जिसके पास हनुमान जी और सन्यासी बाबा के आशीर्वाद से सिद्धियां प्राप्त है और वह इन शक्तियों का प्रयोग जनकल्याण और मानव सेवा हितार्थ में लगाते हैं |
आमतौर पर समस्याओं और उलझन में घिरे व्यक्तियों की मानसिक और शारीरिक समस्याओं का निदान करते हैं ,और उन्हें शांति का आभास कराते हैं | बागेश्वर धाम तीर्थ स्थल में उनके परिवार द्वारा पीढ़ी दर पीढ़ी सेवा और त्याग की जाती रही है | |
धार्मिक और सामाजिक गतिविधि –
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में एक हिंदू तीर्थ स्थल बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर और प्रमुख के रूप में अपना कार्य कर रहे हैं | धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के गुरु जगद्गुरु रामभद्राचार्य है | रामचरितमानस और शिवपुराण के उपदेश के लिए नरेंद्र शास्त्री को विद्वान के रूप में जाना जाता है |
लोगों में ऐसी मान्यता भी है कि उन्हें दिव्य शक्तियां साधना के माध्यम से प्राप्त है और वे लोगों के मन की बात को भलीभांति समझ लेते हैं | उनके द्वारा बागेश्वर धाम तीर्थ स्थल में अन्नपूर्णा रसोई की स्थापना की है जहां उनके अनुयायियों और गरीब लोग जो कथा सुनने आते हैं भोजन – प्रसाद का आनंद लेते हैं |
उनका संस्कृत और वैदिक अध्ययन में काफी रूचि है और इससे कारण बागेश्वर धाम तीर्थ स्थल में एक वैदिक गुरुकुल की स्थापना भी कर रहे हैं | बागेश्वर धाम तीर्थ स्थल में प्रत्येक वर्ष का वार्षिक समारोह भी किया जाता है जिसके अंतर्गत गरीब और बेसहारा लड़कियों की विवाह संपूर्ण किया जाता है |
वैसे तो धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के भारत में लाखों अनुयायियों है और उनके मत के अनुसार शास्त्री को अष्ट सिद्धियों का वरदान और 64 कलाओं के अधिष्ठाता के रूप में भी जाना जाता है |
संपत्ति –
वैसे तो श्री नरेंद्र कृष्ण शास्त्री का जन्म गांव में एक गरीब परिवार में हुआ था | पिता के पुजारी होने के कारण स्वाभाविक रूप से वे आर्थिक दृष्टिकोण से काफी कमजोर थे | परंतु आज के समय में बागेश्वर धाम तीर्थ स्थल एक बड़ा सा स्थल बन चुका है |
शास्त्री के अनुसार उसके पास निजी संपत्ति के रूप में एक मोटरसाइकिल है | इसके अलावा बागेश्वर धाम तीर्थ स्थल में आने वाले लोगों के द्वारा दान – दक्षिणा के रूप में राशि दी जाती है वह लोगों के कल्याण ,मंदिर – विस्तार ,कन्याओं का विवाह आदि कार्यों में लगा देते हैं |
हाल ही में ताजा रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने 9 एकड़ जमीन खरीदी है जिस पर वह गरीब लोगों के इलाज के लिए कैंसर अस्पताल का निर्माण कर रहे हैं |
निष्कर्ष –
दरअसल धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री उस समय सुर्खियों में आए हैं जब नागपुर की ” अखिल भारतीय अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ” के श्याम मानव नाम के एक व्यक्ति ने दिव्य दरबार में चुनौती दी और अंधविश्वास को फैलाने का उनपर आरोप भी लगाया था |
परंतु श्री धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इन आरोपों के बावजूद भी शांत रहें और वह उन्होंने श्याम मानव को अपने दिव्य दरबार में आने का निमंत्रण भी दिया |
बात 20 जनवरी 2023 की है जब दिव्य दरबार में कई हिंदू संगठनों के नेता और कई बड़े लोग तीर्थ स्थल बागेश्वर धाम में मौजूद थे जहां श्याम मानव नाम के व्यक्ति को मन की सारी बातों को और इच्छाओं को उनके सामने जाहिर करने का अवसर दिया और इस दिशा में उन्होंने भली-भांति उत्तर भी दिया |
25 जनवरी 2023 को नागपुर पुलिस ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को नागपुर में उनके सार्वजनिक कार्यक्रमों में अंधविश्वासी गतिविधियों को बढ़ावा देने का आरोप में क्लीन चिट दे दी थी |
” अखिल भारतीय अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ” के संस्थापक शिकायतकर्ता श्याम मानव द्वारा प्रस्तुत सबूत की जांच के उपरांत ऐसा कुछ भी नहीं पाया गया जो महाराष्ट्र अंधविश्वास कानून के तहत कार्रवाई की जा सके ऐसा इस वक्त के पुलिस आयुक्त रहे अमितेश कुमार ने कहा था |
इनके लाखों अनुयायियों का मत है कि उनके पास दैविक शक्तियां मौजूद है जिनके कारण उनके अनुयायियों ने इन्हें ” त्रिकालदर्शी ” का भी नाम दिया |
=> वैलेंटाइन डे पर निबंध 2023 —-
Qna –
Q1- धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री कौन है ?
Ans – धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री मध्य प्रदेश राज्य के छतरपुर जिले के गड़ा नामक गॉँव में एक हिंदू तीर्थ स्थल बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर और प्रमुख है |
Q2 – धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री का जन्म कब और कहाँ हुआ है ?
Ans – धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का जन्म 4 जुलाई 1996 को मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के गड़ा नामक गॉँव में हुआ था |
Q3 – धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री किन – किन नामों और उपाधियों से जाने जाते है ?
Ans – धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री – धीरेन्द्र कृष्ण गर्ग , बागेश्वर धाम सरकार , बागेश्वर धाम महाराज और एक भारतीय कथावाचक के नाम से लोकप्रिय है |
Q4- धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का बागेश्वर धाम कहाँ स्थित है ?
Ans – बागेश्वर धाम भारत के मध्य प्रदेश राज्य के छतरपुर ज़िले के गड़ा नामक गाँव में स्थित है |
Q 5 – धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की इतनी लोकप्रियता का क्या कारण है ?
Ans – ” अखिल भारतीय अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ” के संस्थापक शिकायतकर्ता श्याम मानव द्वारा एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान उनपर आपत्ति दर्ज की गयी थे के वे धार्मिक उन्माद और अन्धविश्वास को फैलाने का कार्य करते है , इस घटना के बाद वे सोशल मीडिया पर वायरल होने लगे जिससे इन्हे काफी प्रसिद्धि मिली और लोकप्रिय भी होने लगे |
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