beti bachao beti padhao essay in hindi – ” बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ “पर हिंदी निबंध
आज के इस लेख के माध्यम से हम सीखेंगे “बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ ” योजना 2021 पर हिंदी निबंध , जो कक्षा 4, 5 ,6 , 7 ….. 12 सभी वर्ग के बच्चो के लिए परीक्ष के दृष्टिकोण से व्यापक साबित होने वाली है। ……
यहाँ आप सभी क्षात्र – क्षात्राओ के लिए परीक्षा की दृष्टिकोण से बड़े , छोटे तथा मध्यम आकृति वाले निबंध प्रस्तुत किये जा रहे है ( short , long , medium type hindi essay 2021) ……….
” बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ ” पर हिंदी निबंध (800 – 900 शब्दों में)
निबंध नंबर – 1
प्रस्तावना –
भारत एक पुरुषप्रधान देश कई सदियों तक बना रहा परन्तु अब भारत में इस मानसिकता को जरूर कमजोर किया गया है | भारत की अधिकतर आबादी अपना जीवन निर्वाह कृषि कार्यो को निपटा कर करता है अघिकतर किसान कृषि से जुड़ा हुआ है | हम भारत के लोग अपनी संस्कृति के बारे में दूसरे को गर्व से बताते तो है परन्तु कभी कभी हमे निरुत्साह भी होना परता है इसलिए के हम अपनी बेटियों को देश के अधिकतर हिस्सों में आज भी ग़ुलामी की बेरियो से बाँध रखे हुए है |
उन्हें समाज के परिवेश के साथ – साथ ही जीवन निर्वाह करने का उपदेश दिया जाता है | उन्हें सामाजिक प्रथाओं तथा सामजिक रीतियों के आधार पर ही खान – पान , पोशाक , वस्त्र तथा सामाजिक बंधनो के साथ आज भी जकड़ कर रख दिया गया है , लोग इतने कुरुर हो गए है के अपनी ही बेटियों की शादी कम उम्र में करके उनके जीवन के साथ अन्याय करने से नहीं चूकते है उन्हें उनके अनुसार जीवन निर्वाह करने की कोई आज़ादी नहीं मिलती है |
देश के अधिक हिस्सों में तो आज भी बेटियों को न तो उचित शिक्षा , उचित भोजन तथा मुलभुत आवश्यकताओं की पूर्ति का प्रबंधन सही ढंग से नहीं हो पाता है | हम अपनी संस्कृति को ऊँचा और श्रेष्ट बताने वाले लोग इतने गिरे हुए है के हम अपनी बेटियों को तो कभी गाला घोंट कर मार दिया करते थे और आज उनके जन्म पर इतने नाखुश होते है के मानो की वो एक सृष्टिकर्ता के रूप में जन्म नहीं लिया हो बल्कि उनका जन्म एक अभिशाप के रूप में हो गया हो |
beti bachao beti padhao essay in hindi – ” बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ “पर हिंदी निबंध
हम अपराधी है , हम अपने देश के बेटियों के मुजरिम है इसलिए के जब भगवन स्त्री – पुरुष में कोई भेद नहीं करता तो हम इंसान क्यों ? क्योंकि हम बुझदिल जानते ही नहीं है के बेटियों हमारे घर और देश की शान होती है उनमे वो ऊर्जा भड़ी है जिससे की चिंगारी से वो किसी भी मुश्किल परिस्थिति से लड़ सकती है और हम उन्हें उनकी आज़ादी लौटा दे तो हमारे लिए एक धरोहर बन सकती है| वो हमारे लिए एक मुशीबत नहीं बल्कि हमारी शान और सफलता का कारण बन सकती है |
हमे ये अहसास ही नहीं होता के हमे दुनिया के सबसे बहादुर बेटियों को जन्म दिया है जिसने अपनी मातृभूमि के लिए अपने रकत तक का एक – एक कतरा अपने मातृभूमि तथा देश की शान में बहा दी वो हमारे देश की बेटी रानी लक्ष्मी बाई ही थी कोई और नहीं | कई सारे उदहारण है जिससे हम प्रेरणा ले सकते है देश की बेटियों को उनकी जिंदगी जीने का सुनहला अवसर प्रदान कर सकते है |
योजना की शुरुआत –
भारत में 22 जनवरी 2015 को “बेटी बचाओ – बेटी बढ़ाओ” योजना की शुरआत भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी के नेतृत्व में की गयी थी | जो महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ,स्वास्थ्य मंत्रालय और परिवार कल्याण मंत्रालय एवं मानव संसाधन विकास की एक संयुक्त पहल के रूप में समन्वित और अभिसरित प्रयासों के अंतर्गत बालिकाओं को संरक्षण और सशक्त करने के उद्देश्य से अस्तित्व में लाया गया था |
इस योजना के तहत सभी राज्यों तथा संघ शासित क्षेत्रों में 2011 की जनगणना के अनुसार भारत के उन सभी निम्न लिंगानुपात वाले राज्यों के 100 जिलों को नेतृत्व करने वाली एक पायलट जिला का चयन किया गया जो इस योजन की गतिविधि पर उनका दिशा – निर्देशन कर सकेगी | भारत विश्व की दूसरी सबसे बड़ी जनसँख्या वाला देश है क्योंकि यहाँ जनसँख्या वृद्धि अत्यधिक तेजि के साथ फ़ैल रहा है और इनका रोकथाम करना भारत के लिए अत्यधिक चुनौतीपूर्ण ही अब तक रहा है |
भारत की 2001 ई0 की जनगणना के आधार पर प्रत्येक 1000 पुरुष पर स्त्रियों की संख्या 927 थी परन्तु 2011 की जनगणना के आधार पर ये आंकड़े प्रत्येक 1000 पुरुष पर स्त्रियों की संख्या 943 पर पहुँच गयी | अर्थात दस वर्ष के पश्चात स्त्रियों की जनसँख्या में वृद्धि हुयी है वे पहले से अत्यधिक सबल व सक्षम हुए है |
निष्कर्ष –
विश्व के आज जितने भी विकसित देश अस्तित्व में आये है उन सभी देशो में एक बात सांगत पायी जा रही है के वे स्त्री और पुरुष को सामान अधिकार के साथ जीवन निर्वाह करने की सम्पूर्ण आज़ादी का सामान अवसर प्रदान करते है |
क्योंकि पुरुष अपनी सम्भावनाओ को दुनिया के साथ साझा कर सफलता प्राप्त करते है और अब विकसित देशो की स्त्रियाँ भी देश को सक्षम और सबल बनाए में अपना योगदान दे पा रही है और वे अधिक सबल हो पा रहे है |
इस आधार पर हमारे देश के नेतृत्वकर्ता ने अपने देश को उन्नत बनाने के लिए स्त्रियों को सबल व सक्षम बनाने का प्रयत्न किया और इसका परिणाम देश के सामने ” बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ योजना ” के रूप में उभर कर सामने आयी है |
“बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ “पर हिंदी निबंध ( 500 शब्दों में )
निबंध नंबर – 2
भूमिका –
भारत में महिलाओ को सशक्त बनाने वाली योजना ” बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ ” केवल महिलाओ की जन्म – दर को बढ़ाना लक्ष्य एक मात्र नहीं बल्कि महिलाओ को स्वतंत्र जीवन जीने तथा उन्हें अपने करियर क्षेत्रों में आगे बढ़ने का भी एक शंकनाद योजना है |
इस योजन के तहत बेटियों को समाज में एक अभिशाप के रूप में न समझकर उन्हें एक वरदान तथा सफल होने का मार्ग समझकर उन्हें उनके उचित स्थान मुहैया करना भी इस योजन का एक अभिन्न अंग है |
इस योजना ने महिलाओ की जीवन में प्रकाश लाने का भी कार्य किया है उन्हें सफल जीवन जीने की और प्रेरित कर उन्हें अपने जीवन के लक्ष्य निर्धारित करने में भी काफी सहायता प्रदान की है |
beti bachao beti padhao essay in hindi – ” बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ “पर हिंदी निबंध
योजना का उद्देश्य एवं आरम्भ –
इस योजना की शुरुआत हमारे देश के प्रधानमंत्री माननिय श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 22 जनवरी 2015 को ” बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ ” के रूप में की गयी थी | इस योजना का उद्देशय देश की महिलाओ की जन्म – दर को बढ़ाना तथा मृत्यु – दर को कम करना था |
इस योजन के तहत देश के सभी निम्न लिंगानुपात राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशो में एक केंद्र बनाकर इस योजन को सुचारु रूप से सफल बनाने की मुहीम तैयार की गयी थी |
इस योजना के आधार पर महिलाओ को शिक्षा के क्षेत्र में उचित अवसर प्रदान हो तथा अपनी करियर सम्भावनाओ को जीने का उद्देश्य तय किया गया था उन्हें यौन शिक्षा के प्रति सचेत और जागरूक किये जाने की पहल भी इस योजना का उद्देश्य रहा है |
उन्हें उचित शिक्षा प्रदान कर उन्हें आर्थिक दृश्टिकोण से सबल बनाया जा सके इस लक्ष्य को भी बड़ी गंभीरता के साथ योजना का हिस्सा बहाया गया था |
स्वतंत्र होकर उन्हें अपने जीवन के प्रति उन तमाम फैसले को लेने को लिए स्वंतंत्र छोड़ दिया गया के वे अब अपनी किसी भी स्थान पर जीवन निर्वाह कर सकता है चाहे वो देश के पार ही क्यों न हो इन सभी मुद्दों को बड़ी ही गंभीरता के साथ इस योजना के साथ जोड़ा गया |
उपसंहार –
एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 2001 की जनगणना के आधार पर प्रत्येक 1000 पुरुष पर स्त्रियों की संख्या 927 थी | परन्तु लोगो में जागरूकता के वृद्धि होने के कारण इस आँकड़े में कुछ हद तक सुधार देखने को भी मिला और जब 2011 की जनगणना के आंकड़े प्रस्तुत किये गये तब प्रतियेक 1000 पुरुष पर महिलाओ की सँख्या 927 से बढ़कर 943 हो गयी थी जो महिलाओ की स्थिति का एक सकारात्मक रूप दर्शा रही थी के भारत के लोग अब जागरूक हो रहे है | परन्तु अभी देश में काफी बड़ी मात्रा में स्त्रियों को समस्याओ का सामना करना पर रहा है लोग अब भी महिलाओ के साथ तुच्छ व्यव्हार करने से नहीं चूकते |
” बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ ” पर हिंदी निबंध ( 300 – 400 शब्दों में )
निबंध नंबर – 3
भूमिका –
देश में महिलाओं की स्थिति में काफी हद तक ” बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ ” योजना का योगदान रहा है | इस राष्ट्रीय स्तर के मुहीम में हम सब मिलकर महिलाओ को उनकी उचित सम्मान तथा स्थान देने में बढ़ – चढ़ कर हिस्सा लेने में स्वयं को सक्षम बना सके |
देश की महिलाओं को नेतृत्व करने तथा उन्हें स्वतंत्र जीवन जीने के लिए रास्ट्रीय स्तर का एक मजबूत आधार स्तम्भ ” बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ ” योजना के रूप में एक कायाकल्प कर देने वाली मच का आह्वान हुआ | इस मच का प्रयोग कर महिलाये अपने कौशल तथा अपनी प्रतिभा को देश – दुनिया के सामने लाने का प्रयत्न किया |
इस मंच से देश की महिलाओ को एक असाधारण नीव रखने में काफी सहायक सिद्ध हुयी जिससे वे आज देश – दुनिया में अपना और अपने देश का नाम रौशन कर पा रहे है |
इस योजना के तहत उन्हें अपनी क्षमताओं तथा प्रतिभाओ का आभाष हुआ और फिर इन इस्त्रियो व्यापार , शिक्षा , टूरिज्म सभी करियर क्षेत्रों में भारत का नाम रौशन कर दिया |
बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ योजना क्या है ?
भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी 2015 को महिलाओं को शशक्त एवं सबल तथा इनकी जन्म – दर को बढ़ने की दृष्टिकोण से एक योजना का जीर्णोद्धार किया था, जिसका नाम ” बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ ” योजना रखा गया |
भारत में बढ़ती महिलाओ की मृत्यु – दर से प्रभावित होकर इस मनुष्य – विनाशकारी समस्या से निपटने के लिए तथा मानव के अस्तित्व को बचाये रखने के लिए इस योजना को लागू किया था | जिससे महिलाओ की सुरक्षा निश्चित की जा सके तथा उनकी संख्या में वृद्धि की जा सके |
समीक्षा –
भारत में सर्प्रथम इस योजना की शुरुआत तो हरियाणा से की गयी थी क्योंकि पुरे भारत में स्त्री – पुरुष लिंगानुपात के मामले में हरियाणा का स्थान सबसे निचे पायदान पर आता है | महिलाओ को इस राज्य में कई समस्याओ से जूझना परता था जिसके कारण इस योजना का नीव भी इसी राज्य से रखा गया था |
अब पुरे भारवर्ष में महिलाओ की स्थिति में पहले से काफी सुधार हुआ है तथा महिलाओ को सुरक्षा देने का काम इस योजना के तहत निश्चित किया जाता है |
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