Essay in hindi on Child labour For Students

essay in hindi on child labour

essay in hindi on child labour – बाल श्रम पर हिंदी निबंध

आज के इस लेख के माध्यम से हम आपको बाल श्रम पर हिंदी निबंध 2021 प्रस्तुत करने जा रहे है जो आपकी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए बाल श्रम पर हिंदी निबंध ( short ,medium and long essay ) लिखी गयी है जो परीक्षा की दृष्टिकोण से कक्षा 2 , 3 ,4 …..12 तक सभी वर्ग के बच्चे के लिए लाभप्रद और सहायक सिद्ध होने वाली है तो चलिए चलते है निबंध की और बिना समय गवाँये — 

बाल श्रम पर हिंदी निबंध 2021 

निबंध 1 ( 100 शब्दों में ) –

किसी देश की सरकार के द्वारा निर्धारित आयु सिमा के विरुद्ध जीवन यापन के लिए  शारीरिक अथवा मानसिक कार्य किया जाना बालश्रम कहलाता है | बालश्रम किसी भी कारणों से करि गयी हो उदहारण के तौर पर किसी की गरीबी बालश्रम का कारण हो सकती है या किसी की सरकार के द्वारा सही शासन को न चला पाना जिससे देश में गरीबी का सूत्रपात होता है आदि |

अब बालश्रम लगभग सभी देशो में निषेध माना जाता है लेकिन फिर भी देशो में फैली हुयी भ्रष्टाचार के कारण बालश्रम सरलता से अंजाम दिया जाता है | बालश्रम किसी इंसान की बचपन और सपने दोनों बर्बाद कर देते है | बालश्रम इंसान के जीवन को खिलने से पहले ही ख़त्म कर देते है |

 

निबंध 2  ( 200 शब्दों में ) –

बाल श्रम दुनिया के लिए एक बड़ी समस्या है | बाल श्रम किसी भी सरकार के द्वारा निर्धारित आयुसीमा के विरुद्ध एक बच्चे के लिए किये जा रहे श्रम को कहा जाता | हमारी गरीबी , निरक्षरता , अज्ञानता तथा भ्रष्टाचार आदि कारक हमे बालश्रम करने को कुप्रेरित करते है |

बाल श्रम किसी भी देश को समृद्ध और सफल नहीं बना सकता सिर्फ बच्चे की शिक्षा और अच्छी मानसिकता से ही किसी भी देश को सफल बना सकता है | बाल श्रम एक ऐसा अपराध है जो देश को गरीबी , भुखमरी और गलत स्वास्थ्य की ओर ले जाता है |

essay in hindi on child labour

essay in hindi on child labour – बाल श्रम पर हिंदी निबंध

बाल श्रम समाज की मानसिकता और उनके स्वाभाव का नतीजा होता है | समाज को बेहतर , शिक्षित , उन्नत और समृद्ध बनाने के लिए बाल श्रम को रोकना होगा | किसी भी बच्चे की आज़ादी जन्मजात होती है उन्हें पढाई की आज़ादी जन्मजात होती है

तथा अपने जीवन के लिए फैसले लेने के अधिकार होता है जहाँ उन्हें इन सब अधिकारों से मुक्त कर बाल श्रम के दलदल में फेंक दिया जाता है जहाँ से इंसान अपने सपने और लक्ष्य का गला घोंटते हुए देखते है | बाल श्रम के दलदल में फँसे बच्चे का न तो स्वस्थ्य और ना ही कोई स्वच्छता होती है |

निबंध 3 ( 250 शब्दों में ) –

भूमिका

बाल श्रम या बाल मजदूरी समाज और देश की सफलता में सबसे बड़ी बाधक और विडम्बना है ऐसा किसी देश में भ्रष्टाचार , गरीबी , बेरोजगारी तथा सरकार की गलत नीतियों के कारण पनपता है | बाल श्रम हमारे समाज की वास्तविक स्थिति और दशा को दर्शाता है | हम कितने लालची , गैरसामाजिक और अनैतिक मूल्यों के समर्थक है ये इस बात से पता चल जाता है जब हम अपने बच्चे को बाल श्रम के दलदल में फेंक देते है |

बाल श्रम समाज की कुरीतियाँ –

आज हम अपने चारो ओर देखते है और पाते है के किस तरह एक बच्चा मजदूरी कर दलदल की तरफ चल पड़ा है तो यकीं मानिये तकलीफ होता है | कहा जाता है किसी भी देश का भविष्य उस देश में रहने वाले बच्चे ही होते है लेकिन ऐसा सिर्फ वक्तव्य होता है |

किसी भी इंसान के लिए शिक्षा , स्वास्थय आदि उनका अपना अधिकार होता है | दरअसल समाज में फैली कुरीति की तरह है ये बाल श्रम और इसका दूसरा ये कही न कहीं ये भी है के हमारे समाज की गरीबी बाल श्रम करने पर विवश करती है मेरे अगल – बगल के समाज में मै ये भी देखता हु के लोग कुछ समृद्ध भी है अर्थात इतने खुशहाल है के अपने बच्चे को पढ़ा – लिखा कर सकते है परन्तु उन्हें ुचती शिक्षा देने के बजाय बाल श्रम के लिए प्रेरित करते है |

उपसंहार –

बाल श्रम हमारी सफलता की सबसे बड़ी बाधा है | बाल श्रम को रोकने के लिए सरकार के साथ हम समाज के सभी लोगो को महत्वपूर्ण कदम उठाने होंगे | किसी भी कीमत हमे और सरकार को भी चाहिए की बाल श्रम जैसे कृत्य को रोका जा सके |

निबंध 4 ( 500 शब्दों में ) –

प्रस्तावना –

बालश्रम किसी भी देश की विफलताएँ और नाकामी को प्रदर्शित करती है | बालश्रम के रूप में बच्चो के द्वारा विभिन्न कार्य कराये जाते है | उदहारण के तौर पर कई बच्चे चौराहों पर जुटे पोलिश करते हुए देखे जाता है तो कई सारे बच्चे कृषि कार्यो में व्यस्त दिखाई देते है तो कई सारे बच्चे ठेलों पर सबजिया बेचते हुए दिखाई देते है तो कई सारे बच्चे होटलों में साफ – सफाई तथा भोजन परोसने के लिए कार्य करते हुए देखे जा सकते है | बालश्रम करना और करने लिए विवश करना सभी अपराध के अंदर आता है | ये अमानवीय कृत्य है जो इंसान को दुःख और विफलता की और ले जाता है |

बालश्रम कानून क्या है ? –

भारतीय संविधान के अनुसार भारत में नाबालिग बच्चो के लिए कुछ नियम बना दिए गए जिससे देश में होने वाले बालश्रम पर लगाम लगाया जा सके | आईये जानते वे नियम जो बालश्रम के लिए बनाये गए है –

(क )भारतीय संविधान कि धारा २४ के अनुसार 14 वर्ष से कम आयु के बच्चो को किसी संसथान या किसी क्षेत्र में कार्य करने के लिए विवश करना गैरकानूनी है |

essay in hindi on child labour – बाल श्रम पर हिंदी निबंध

(ख) संविधान की धारा ३९ f के अनुसार बच्चो की स्वस्थ्य को ध्यान में रखते हुए प्रगति और सफलता के मार्ग सुनिश्चित किये जाए इसके विरुद्ध किये गए कार्य गैरकानूनी माना जाएगा |

आदि कुछ नियम हमने आपके सामने प्रस्तुत किये है | उपरोक्त कानून भारत में बालश्रम के उन्मूलन के लिए बनाये गए थे परन्तु आज़ादी के बाद अबतक भी बालश्रम देश की एक व्यापक समस्या बनी हुयी है |

उपसंहार –

बालश्रम दुनिया के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है | एक रिपोर्ट के अनुसार बात सामने आयी है  के 15 करोड़ से भी ज्यादह बच्चे दुनिया में बाल मजदूरी करने को विवश है | भारत के आँकड़े के अनुसार लगभग 40 मिलियन से भी ज्यादह बच्चे बाल मजदूरी ( बालश्रम ) में लिप्त पाए गए है जिसमे अधिकतर बच्चे बिहार , उत्तरप्रदेश , असम , बंगाल आदि राज्यों के पाए गए है |

बालश्रम एक अभिशाप की तरह है जो किसी बच्चे की जीवन को बदतर बना देता है | बालश्रम में लिप्त बच्चे का शोषण किया जाता है उन्हें समय पर भोजन तथा आवश्यकताओं की चीज़े पूर्ति नहीं की जाती है बालश्रम में लिप्त अधिकतर बच्चे कुपोषण का शिकार होते मिलते है |

बालश्रम किसी बच्चे की मानसिक और शारीरिक दोनों पक्ष से कमजोर और निर्बल बनाता है तथा बच्चे को लाचार और तनाव से सम्बन्ध जोर देते है जहाँ अन्य बच्चे अपने जीवन में अच्चे सपने देखते है , अच्छे पोषक और भोजन प्राप्त करते है तथा दूसरे ओर इसके विपरीत बालश्रम में लिप्त बच्चे भुखमरी , खराब स्वास्थय , तथा अत्याचार से जुड़े जीवन जीने को विवश होते है | बालश्रम में लिप्त बच्चे शिक्षा , स्वस्थ्य आदि से वंचित हो जाते है तथा इसका उनके जीवन पर बड़ा ही नकारात्मक प्रभाव परता है |

निबंध 5 ( 1000 शब्दों में ) –

प्रस्तावना –

किसी भी देश की सफलता उस देश में रहनेवाले नागरिक के ऊपर निर्भर करता है के वे शिक्षित होकर अपने देश को किस तरह एक अच्छा राष्ट्र बनाने में योगदान दे रहा है अर्थात हम ऐसा भी कह सकते है की किसी देश की सफलता उस देश में निवास करने वाले बच्चे के ऊपर निर्भर करता है के बच्चो की किस तरह शिक्षा प्रदान की जा रही है और बच्चे को किन – किन क्षेत्रों अथवा विषयो की जानकारी दी जा रही है क्योंकि वही बच्चे बड़े होकर देश के हित में काम करेंगे और राष्ट्र को अपनी क्षमता और काबिलिया से उन्नत और समृद्ध बनाएंगे |

आज संसार में एक बड़ी विडम्वना फैली हुयी है के दुनिया के करोड़ो बच्चे किसी देश की ताकत नहीं बल्कि कमजोरी बनते जा रहे है देश में  गरीबी और भुखमरी के कारण देश के गरीब और कमजोर बच्चे बालमजदूरी करने के लिए विवश हो गए है | बल्कि आज दुनिया में बालमजदूरी एक बड़ा व्यापार का केंद्र बन चूका है |

बाल मजदूरी एक अभिशाप –

सित किये जाते है जिससे बच्चे कीविक क्षमता से परे होते है जहाँ बच्चे मृत्यु तक चले जाते है | किसी बच्चे की जन्म के पश्चात शिक्षा , स्वस्थ्य , स्वतंत्रता आदि उनका मुलभुतअंतरराष्ट्रीय लेबर ऑर्गेनाइजेशन की एक वास्त रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में लगभग 16 करोड़ बच्चे बाल मजदूरी जैसे कृत्य में लिप्त पाए गए है तथा इनका 50 प्रतिशत सँख्या में बच्चे को ऐसे कार्य करने के लिए शो अधिकार होता है परन्तु बाल मजदूरी में लिप्त बच्चे को इन सुविधाओं से वंचित हो जाना परता है |

जिस उम्र में बच्चे शिक्षा प्राप्त कर , खेल – कूद कर , स्वतंत्र तथा मुक्तचिन्तक जीवन जी पाने के लिए अपना अधिकार रखते है उस उम्र में  संसार के करोड़ो बच्चे आज  मजदूरी जैसे नारकीय कार्य करने को विवश है | देश की गरीबी के कारण बच्चे बालश्रम करने के लिए मजबूर होते है साथ ही वैसे इंसान जो अपने बच्चो को अपनी सुख और सुविधा अर्जित करने के लिए किसी होटल , दुकान , ढाबा आदि स्थानों पर कुछ मेहनताना के बदले बाल मजदूरी करने के लिए छोड़ देते है |

essay in hindi on child labour – बाल श्रम पर हिंदी निबंध

संसार में ऐसे लाखों बच्चे है जो अब अनाथ हो चुके है या जिनके माता – पिता जन्म के उपरांत उन्हें त्याग देते है ऐसी स्थिति वाले बच्चे बाल मजदूरी जैसे कृत्य में अधिकतर लिप्त पाए जाते है | बाल मजदूरी किसी बच्चे के लिए एक अभिशाप की तरह है जो बच्चे की जिंदगी को नर्क बना देता है |

बाल श्रम अधिनियम 1986 –

आज संसार में कितने ही गरीब , अनाथ , बेसहारा बच्चे है जो बाल श्रम ( मजदूरी ) जैसे घिनौने कृत्य में अपना जीवन बर्बाद कर रहे है | इस प्रथा तथा इस तरह के घिनौने अपराध पर नकेल कसने के लिए बाल श्रम अधिनियम 1986 का निर्माण किया गया जिसमे वे साड़ी बाते निषेध कर दी गयी  जिससे किसी बच्चे की जिंदगी बर्बाद हो जाती है |

इस अधिनियम के तहत मूल बातें ये तय की गयी के 14 आयु वर्ग के बच्चे को किसी संसथान या किसी जटिल कार्य में ना नियोजित किया जाए जिससे बच्चे को शारारिक , मानसिक तथा स्वतंत्रात्मक भवन को आघात करता हो तथा इस अधिनियम का उललंघन करने पर सख्त सजा का प्रावधान किया गया है |

बाल मजदूरी रोकने के उपाय –

बाल मजदूरी को कुछ जरुरी कार्य को निपटाए जाने की वजह से रोका जा सकता है | निम्लिखित उपाय इस प्रकार है –

1. देश में बेरोजगारी को कम कर दिया जाए अथवा इसका समापन कर दिया जाय तो लोगो के पास अपना कार्य होगा जिससे वे आय का माध्यम बनाकर स्वंय  को सबल और मजबूत बना सकेंगे |

2 . देश में फैली गरीबी को सरकार के द्वारा समापन कर दिया जाय तो किसी भी आदमी या नागरिक को अपने बच्चे को बाल मजदूरी के लिए विवश का अवसर प्राप्त नहीं होगा | 

3 . देश में सभी बच्चो के साथ समानता का व्यवहार किया जाय तथा आमिर और गरीब सभी बच्चे एक सामान अवसरों का लाभ उठा सकेंगे तो सभी बच्चे अपनी शिक्षा पूर्ण कर देश के लिए काम करेंगे | 

4 . देश में फैली भर्ष्टाचार को खत्म कर देश को समृद्ध और खुशहाल बनाया जा  सकता है | बाल श्रम भर्ष्टाचार का ही एक रुपरेखा है कितने ही बच्चे आज देश में फैली भ्रष्टाचार के कारण मौत का शिकार हो चुके है | 

5 . बच्चो की सफलता और शशक्ता पर काम करने वाली जितने भी संस्थान है  उनका सारा विवरण ससमय अपग्रेड किया जाना चाहिए क्योंकि बच्चे से जुड़ी संस्था में काम करने वाले लोग भी भ्रष्टाचार का साथ देकर बच्चो के साथ अपराध करते है इसलिए उनके रिकॉर्ड से सरकार को उनकी गतिविधियों पर नज़र रखने में आसानी होगी तथा बच्चे बालश्रम की और धकेले नहीं जाएँगे | 

उपसंहार –

बाल श्रम एक महामारी के रूप में दुनिया में फैली हुयी है | संसार के प्रत्येक हिस्से में बाल श्रम एक व्यापक समस्या बनकर बैठा है | बालश्रम बड़े – बड़े लोगो के द्वारा वयवसायिक दृष्टिकोण में किया जा रहा है | जहाँ गरीबी , भुखमरी और लाचारी के कारन लोग अपने बच्चे को बाल मजदूरी के लिए उत्साहित करते है वही आज दुनिया के बड़े गैंगस्टर , डॉन अदि गिरोह के लोग बच्चो के द्वारा भीख मांगने का घिनौआ कृत्य भी करने  बल देते है जिससे एक बड़ा आर्थिक लाभ प्राप्त किया जाता है |

आज भी समाज में ये भ्रांतियाँ फैली हुयी है के बच्चे की अवस्था से ही किसी कार्य को करने पर समाज और वयक्ति विशेष आर्थिक दृष्टिकोण से अधिक सबल होंगे ये अवधारणाये अभी भी समाज में फैली हुयी है और लोग अपने बच्चे को बालश्रम में झोंक देते है तथा इसके अलावा सरकार के कोई क्रांतिकारी कदम नहीं उठाये जाने के कारण लोग भुखमरी और बेरोजगारी का शिकार हो जाते है जिससे लोग अपने बच्चे को भी काम पर लगा देते है जिससे वे आर्थिक दृष्टिकोण से परिस्थितयो से लड़ सके |

इस लेख को प्यार देने के लिए आपका शुक्रिया !

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