essay of library in hindi – पुस्तकालय पर हिंदी निबंध
आज के इस निबंध के माध्यम से हम आपको सिखाने जा रहे हैं पुस्तकालय पर हिंदी निबंध 2021 | हमारे देश में परीक्षा के दौरान बच्चों से विभिन्न विषयों में पुस्तकालय पर हिंदी निबंध पूछ दिए जाते हैं इस निबंध से संबंधित बच्चों के ज्ञान एवं रुचियों का संग्रह किया जाता है| आज के इस लेख के माध्यम से हमने आपकी आवश्यकता के अनुसार कक्षा 2 ,3 ,4 ,5, 6………………. 12 तक लघु ,मध्यम तथा दीर्घ निबंध( short , medium and long essay ) पुस्तकालय पर हिंदी निबंध 2021 प्रस्तुत करने जा रहे हैं उम्मीद है आपको यह निबंध पसंद आएगा तो चलिए चलते हैं बिना समय गवाएं इस निबंध की ओर-
पुस्तकालय पर हिंदी निबंध – 2021
निबंध (200 शब्दों में ) –
पुस्तकालय दो शब्द ” पुस्तक और ” आलय ” से मिलकर बना हुआ है जिसका शाब्दिक अर्थ होता है ” पुस्तकों का घर ” | अर्थात वैसा स्थान जहाँ आपकी आवश्यक्ताओ के अनुरूप ज्ञान प्राप्त करने के लिए किताबें मौजूद हो उसे पुस्तकालय कहा जाता है |
आज के इस भाग दौर में हमारे पास उचित समय नहीं होता कि हम अपने लिए किताबें बाजार से खरीद सकेंगे अर्थात पुस्तकालय व स्थान है जहां किसी भी किताब को सरलता से प्राप्त किया जा सकता है और उसका अध्ययन किया जा सकता है |
पुस्तकालय से हमें काफी लाभ होता है पुस्तकालय में किसी भी किताब को आसानी से प्राप्त कर लेते हैं जिससे हमारा समय और धन दोनों की बचत होती है | पुस्तकालय में हमें सभी प्रकार के किताबें पढ़ने को मिल जाती है| पुस्तकालय में हम विभिन्न प्रकार के किताबे अंग्रेजी, गणित ,विज्ञान आदि को आसानी के साथ ढूंढ सकते हैं और उनका लाभ ले सकते हैं |
essay of library in hindi – पुस्तकालय पर हिंदी निबंध
वही इसके अलावा खेल, मनोरंजन, साहित्य ,रचना,इतिहास आदि विषयों की बहुत सारी किताबें मौजूद होती है जिन्हें हम सरलता से ढूंढ कर उनका अध्ययन कर सकते हैं| पुस्तकालय के अंदर हमें एक ही विषय पर विभिन्न रचनाकारों के किताब पढ़ने को मिल जाते हैं| किसी संदर्भ में विभिन्न रचनाकारों के विभिन्न मत किताब में शामिल होते हैं जिसे पढ़कर हम अपनी विचारधारा और बुद्धि को और ज्यादा प्रखर कर पाते हैं|
निबंध 2 ( 400 शब्दों में ) –
प्रस्तावना –
पुस्तकालय को अंग्रेजी में लाइब्रेरी कहा जाता है तथा लाइब्रेरी शब्द लैटिन भाषा के लाइवर शब्द से लिया गया है जिसका शाब्दिक अर्थ होता है – पुस्तक | वह स्थान जहाँ ज्ञान, सूचनाओं, स्रोतों, सेवा आदि का संग्रह मौजूद रहता है ,जिसे कोई भी मनुष्य पुस्तक के द्वारा ज्ञान अर्जित कर अपने ज्ञान को और समृद्ध करता है, पुस्तकालय कहलाता है|
पुस्तकालय का महत्व –
एक मनुष्य को उनकी जीवन में सफल होने और ज्ञान अर्जित करने में पुस्तकालय का बहुत अधिक योगदान होता है| पुस्तकालय के माध्यम से हम वैसे ही किताबों का संग्रह कर पाते हैं , वैसे किताबों का अध्ययन कर पाते हैं जिसे खरीदना और प्राप्त करना हमारे लिए शायद दुर्लभ हो जाता है|
essay of library in hindi – पुस्तकालय पर हिंदी निबंध
बिना धन और समय खर्च किए पुस्तकालय एक ऐसा स्थान है जहां पर हम बड़ी सरलता से पुस्तकों का अध्ययन और मनोरंजन कर पाने में सक्षम होते है | पुस्तकालय हमें भिन्न – भिन्न क्षेत्रों में देखने को मिल जाते हैं | कॉलेज के दौरान जब हम पढ़ाई कर रहे होते हैं तो हमें वहां भी पुस्तकालय देखने को मिल जाते हैं |
बड़े उद्योग क्षेत्रों में जब हम कार्य कर रहे होते हैं तो उससे संबंधित कई सारे बुक हमें पुस्तकालय में देखने को मिल जाते हैं | पुस्तकालय हमें सभी दृष्टिकोण जैसे मेहनत परिश्रम ,धन, समय आदि से राहत प्रदान करता है|
उपसंहार –
देश के सरकारी क्षेत्रों में कई ऐसे पुस्तकालय हैं जो विभिन्न दुर्दशा से गुजर रहा है | जहां पुस्तकालय हमें हमारे ज्ञान में वृद्धि करता है और जिस तरह हमारे धन , समय आदि को बचाने का कार्य करता है | | पुस्तकालयों में कार्य करने वाले लोग किस तरह से इनका हनन औरक्षय कर रहे हैं ,ये भी चिंता का विषय बना हुआ है|
जहां शहर में पुस्तकालय हमें आसानी से देखने को मिल जाते हैं वहीं देश के ग्रामीण क्षेत्रों में यह बिल्कुल ही नहीं पाया जाता है | शहरों में जहां लोगों के पास अच्छी रोजगार और धन है उसके तुलना में गांव के लोगों के पास धन और रोजगार मुहैया नहीं है |
essay of library in hindi – पुस्तकालय पर हिंदी निबंध
गावँ के लोगो के पास इतनी धन नहीं है कि वह विभिन्न किताबों को खरीद सके अर्थात गांव में पुस्तकालय के आ जाने से गांव के गरीब बच्चों को अध्ययन करने में काफी मदद मिलेगी|
निबंध 3 ( 600 शब्दों में ) –
भूमिका –
पुस्तकालय को अंग्रेजी में लाइब्रेरी कहा जाता है जिसका हिंदी में रूपांतरण शब्द पुस्तकालय है| पुस्तकालय दो शब्द – पुस्तक और आलय से मिलकर बना हुआ है जिसका शाब्दिक अर्थ होता है ” पुस्तकों का घर ” |
वैसा स्थान जहां विभिन्न प्रकार के ज्ञान , सेवा ,स्रोत ,आचार -विचार आदि का संग्रह हो| किसी लकड़ीनुमा आकृति में सजे किताबों के श्रृंखला को हम पुस्तकालय नहीं कहते जहां हम पुस्तकों को सिर्फ आर्थिक दृष्टिकोण से सजाते हैं जिनका हम मोलतोल करते हैं वह पुस्तकालय नहीं होते हैं |
दरअसल पुस्तकालय वह स्थान होता है जहां लोगों को ज्ञान ,सूचनाएं ,स्रोत ,आचार विचार आदि प्रदान करने का संग्रह प्राप्त होता है ,वही पुस्तकालय होते हैं| जहां बैठकर हम किताबों का अध्ययन करते हैं और एक दूसरे के विचारों का आदान प्रदान करते हैं दरअसल पुस्तकालय का अर्थ इन्हीं अर्थों में छिपा हुआ है|
भारत के प्रमुख पुस्तकालय –
(क ) दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी –
यूनेस्को और भारत सरकार के संयुक्त पहल के उपरांत पंडित जवाहरलाल नेहरु के द्वारा दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी की स्थापना 27 अक्टूबर 1951 को की गई थी | महज 15 वर्ष की अवधि में ही इस पुस्तकालय ने महान उल्लेखनीय कार्य किए |
देश के लोगों के लिए यह पुस्तकालय काफी लोकप्रिय साबित हो गया | इस पुस्तकालय में ग्रंथों की संख्या लगभग चार लाख है इस पुस्तकालय में शब्दकोश ,संदर्भ साहित्य ,विश्वकोश ,गजट आदि का अच्छा संग्रह है|
बच्चों के पढ़ने के लिए बाल पुस्तकालय की स्थापना भी कई की गई है जिसके साथ बच्चों के खेलने के लिए तरह-तरह के खिलौने लकड़ी के अक्षर ,सुंदर चित्र आदि मौजूद है|
(ख ) राष्ट्रीय पुस्तकालय कलकत्ता –
राष्ट्रीय पुस्तकालय की स्थापना श्री जे एच स्टाकलर के द्वारा 1836 ईस्वी में कोलकाता में हुई थी| इस पुस्तकालय में ग्रंथों की संख्या लगभग 12 लाख है | ” डिलीवरी ऑफ बुक्स एक्ट 1984″ के अनुसार यह बात सामने आई है विश्व की प्रत्येक प्रकाशन की एक कॉपी इस पुस्तकालय में पर्याप्त होती है |
समय के साथ-साथ विभिन्न योजनाओं के तहत पुस्तकालय को पुस्तकें और ग्रंथ भेंट होते भी रहते थे| 1891 में इंपीरियल लाइब्रेरी की स्थापना के बाद लॉर्ड कर्जन के प्रयास से कोलकाता पब्लिक लाइब्रेरी तथा इंपीरियल लाइब्रेरी को 1902 ईसवी में मिश्रित कर दिया गया |
प्रारंभ में यह पुस्तकालय किसी निजी मकान में हुआ करता था परंतु 1841 ईसवी में इसे फोर्ट विलियम कॉलेज में स्थापित कर दिया गया था | इसकी लोकप्रियता के आधार पर यह देश के प्रमुख पुस्तकालयों में जाना जाता है |
निष्कर्ष –
किसी व्यक्ति को सफल होने और ज्ञान अर्जित करने में पुस्तक का महत्वपूर्ण योगदान होता है | एक मनुष्य अपने जीवन में विभिन्न पुस्तकों को पढता है ,अध्ययन करता है और जीवन की सफलताओं को प्राप्त करता है |
essay of library in hindi – पुस्तकालय पर हिंदी निबंध
एक मनुष्य के जीवन में जितने भी किताबों की जरूरत होती है वह सभी एक स्थान में मौजूद होते हैं जिसे हम पुस्तकालय के नाम से जानते हैं | हम सभी को पुस्तकालय की आदत लगानी चाहिए जिससे हम जीवन में अधिक से अधिक अध्ययन कर सकेंगे और जीवन को सफल बना सकेंगे |
पुस्तकालय जाते रहने से हमें विभिन्न पुस्तकों का अध्ययन कर पाने में सहायता होती है और हमें किताबों को पढ़ने का अनुभव प्राप्त होता है उच्चारण संबंधी समस्याएं तथा तथ्यों को समझने में आसानी होती है | पुस्तकालय ज्ञान को बढ़ाने ,एक दूसरे के सभ्यता -संस्कृति ,आचार -विचार को साझा करने का एक मंच भी होता है जहां बैठकर हम विभिन्न संस्कृतियों के लोगों के साथ अंतर संबंधित होते हैं |
एक दूसरे की संस्कृति के बारे में जानने का अवसर भी प्राप्त होता है और हम ज्ञान की दृष्टिकोण से उत्तम होते चले जाते हैं| जिस तरह से हम एक ही पुस्तकालय के अंदर सभी विषयों की किताबों को सरलता से अध्ययन कर पाने में सक्षम होते हैं वहीं दूसरी ओर आज पुस्तकालयों में पुस्तकों की कमी देखने को मिलती है|
निबंध 4 ( 1000 शब्दों में ) –
प्रस्तावना –
वह स्थान जहां विभिन्न प्रकार के ज्ञान ,श्रोत ,सूचनाएं आदि का संग्रह होता है ,वह पुस्तकालय कहलाते हैं | अर्थात पुस्तकालय पुस्तकों का घर होता है जहां हम एक ही स्थान पर विश्व के विभिन्न किताबों को पढ़ने का अनुभव प्राप्त करते हैं |
पुस्तकालय व स्थान होता है जहां हम सभी शांति बनाकर किताबों का अध्ययन करते हैं, आत्मसात करते हैं और अनुभव प्राप्त करते हैं और जीवन में सफल होते हैं | पुस्तकालय को नियमित रूप से प्रयोग में लाने वाले व्यक्ति आज दुनिया में अत्यधिक सफल हो पाए हैं और अत्यधिक ज्ञान के धनी व्यक्ति बने है|
पुस्तकालय का इतिहास लेखन प्रणाली पुस्तकों और दस्तावेज के स्वरूप को संरक्षित रखने की पद्धतियों और प्रणालियों से जुड़ा है| पुस्तकालय का प्रयोग करने से हम एक ही स्थान पर एक ही समय में विभिन्न प्रकाशनों ,विभिन्न लेखकों के ,विभिन्न रचनाओं को सरलता से पढ़कर ज्ञान अर्जित कर पाते हैं |
पुस्तकालय के प्रकार –
जहां हम नाम से ही जानते हैं कि पुस्तकालय पुस्तकों का घर कहा जाता है जहां हमारे पास पुस्तकों का विशाल समूह मौजूद होता है | लोगो की आवश्यकता के अनुसार पुस्तकालय को विभिन्न प्रकार में बांट दिया गया है| वर्गीकृत किए गए पुस्तकालय से लोगों को अध्ययन करने में काफी सरलता होती है | लोग अपने अनुकूल तथा रुचियों के अनुसार पुस्तकालय का चयन करते हैं | नीचे पुस्तकालय के प्रकार दिए गए हैं जो निम्नलिखित हैं –
(क ) राष्ट्रीय पुस्तकालय –
राष्ट्रीय पुस्तकालय का उद्देश्य राष्ट्र की सेवा के लिए होता है| यहां पाठकों की रूचि के अनुसार पठन सामग्री उपलब्ध कराए जाते हैं | इस पुस्तकालय के अंतर्गत देश के विभिन्न छात्रों को उनकी रूचि के अनुसार सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है|
(ख ) सार्वजानिक पुस्तकालय –
सार्वजनिक पुस्तकालय का कर्तव्य देश के सार्वजनिक नागरिकों को शिक्षा एवं उनकी रूचि के अनुसार अध्ययन करने में मदद करना होता है | देश में प्रजातंत्र स्थापित होने के बाद सार्वजनिक पुस्तकालय का उद्भव होना एक महान देन की तरह है|
यह एक ऐसा पुस्तकालय होता है जहां देश के वैसे लोग जो गरीबी ,लाचारी, के कारण कम पढ़े लिखे होते हैं अथवा जीवन यापन करने के लिए किसी छोटे-मोटे कार्य से जुड़े होते हैं तथा आगे पढ़ने की इच्छा भी रखते हैं जिसके अंदर तथ्यों को समझने और सीखने की ललक होती है वैसे ही नागरिकों के लिए सार्वजनिक पुस्तकालय की स्थापना की गई है|
इस देश में अंतरराष्ट्रीय संगठन यूनेस्को का महत्वपूर्ण योगदान माना जाता है| विकासशील देशों में साक्षरता की कमी को दूर करने के लिए ऐसे सार्वजनिक पुस्तकालयों की स्थापना की गई है जिनके द्वारा आम नागरिक ज्ञान अर्जित कर देश के प्रगति में सहायक हो|
(ग ) अनुसंधान पुस्तकालय –
वैसे व्यक्ति है जो अपनी ज्ञान की सीमा को विकसित करना चाहता है जिसके पास वह क्रांतिकारी विचार है जो देश को बदलने में भूमिका का निर्वहन कर सकते हैं| ऐसे व्यक्तियों के लिए अनुसंधान पुस्तकालय एक बेहतरीन विकल्प होता है |
जहां उनकी पुरुषों के अनुसार दक्ष व्यक्तियों के साथ विचारों को आदान प्रदान करने का मौका प्राप्त होता है तथा क्षेत्र विशेष पुस्तकालय के अंतर्गत उनसे संबंधित उत्कृष्ट संकलन का संग्रह होता है जिन से ऐसे व्यक्ति अन्य पुस्तकालयों के बजाय इस पुस्तकालय में ज्ञान अर्जित करने में काफी सहज महसूस करते हैं|
(घ ) व्यावसायिक पुस्तकालय –
ऐसे उद्योग या व्यवसाय क्षेत्र अथवा उन में कार्य करने वाले व्यक्ति जिन्हें उस क्षेत्र में समस्याएं आती है और उन्हें अत्यधिक ज्ञान अर्जित करने की आवश्यकता होती है तो उनके उसे क्षेत्र से जुड़े व्यवसाय पुस्तकालय उनकी काफी मात्रा में मददगार साबित होते हैं |
इस तरह के व्यक्तियों की सुविधा हेतु ही इस व्यवसाय पुस्तकालय का उद्भव किया गया है जिनमें उन्हें व्यावसायिक पत्रिकाएं, समय सारणी या महत्वपूर्ण सरकारी ,प्रकाशन, मानचित्र आदि संकलनों का संग्रह मौजूद होता है |
( च ) सरकारी पुस्तकालय –
सरकारी पुस्तकालय का सारा व्यय सरकार के द्वारा निर्वहन किया जाता है | इस पुस्तकालय के अंतर्गत राष्ट्रीय पुस्तकालय ,विभागीय पुस्तकालय, विभिन्न मंत्रालयों के पुस्तकालय ,प्रांतीय पुस्तकालय ,संसद और विधान भवनों के पुस्तकालय भी सरकारी पुस्तकालय की श्रेणी में आते हैं|
(छ ) चिकित्सा पुस्तकालय –
इस पुस्तकालय का संबंध विशेष जैसे – चिकित्सा संबंधी संस्था, विद्यालय ,अनुसंधान केंद्र अथवा चिकित्सालय से होता है | चिकित्सा से संबंधित सभी पुस्तकों का संग्रह होता है| पुस्तकालय सार्वजानिक न होकर विशेष लोगों को सुविधा प्रदान करती है|
(ज ) सेना पुस्तकालय –
यह पुस्तकालय अन्य पुस्तकालय से बिल्कुल अलग होता है| किसी भी देश की रक्षा के लिए उस देश में जितने भी प्रकार के सेनाएं मौजूद होती है उनकी आवश्यकताओं के अनुसार विभिन्न पुस्तकालयों का सूत्रपात किया जाता है |
प्रथम विश्व युद्ध के दौरान सेनाओं के लिए पुस्तकालयों का स्थापना एक देश के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बन गया था | दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान भी सेना के विभिन्न अधिकारियों तथा विभिन्न जवानों को पुस्तकालयों के मदद से क्षेत्र में विजय प्राप्त करने के लिए तैयार किए जाने लगे थे|
आज भारत में रक्षा मंत्रालय, सेना प्रधान कार्यालय एवं डिफेंस साइंस ऑर्गेनाइजेशन के विशाल पुस्तकालय मौजूद है|
उपसंहार –
देश में विभिन्न क्षेत्रों के लिए विशेष पुस्तकालयों का प्रादुर्भाव किया गया है आज देश के विभिन्न पुस्तकालय में में आसानी से देखने को मिल जाती है कि किस तरह से अनियमितता बरती जाती है |
जहां कॉलेज में पढ़ रहे छात्रों को सभी प्रकार की पुस्तकों को पुस्तकालय के अंदर से प्राप्त करना दुर्लभ हो रहा है देश में बढ़ते भ्रष्टाचार के कारण ऐसे पुस्तकालयों में भाइयों के लोगों की बहाली पुस्तकालयों के प्रादुर्भाव को दर्शाता है|
essay of library in hindi – पुस्तकालय पर हिंदी निबंध
पुस्तकालय एक ऐसा स्थान होता है जहां लोग सकारात्मक रूप में सोचते हैं किस स्थान में उनकी रुचि और उनके क्षेत्र के अनुसार किताबें मुहैया कराई जाती है| लोग पुस्तकालय की मदद से अपने ज्ञान में अत्यधिक वृद्धि करते हैं और जीवन में अत्यधिक सफल भी होते हैं |
हमारे लिए विभिन्न प्रकार के पुस्तकों और प्रकाशनों के रचनाओं को खरीदना अतिरिक्त समय और धन को व्यर्थ करता है | परंतु पुस्तकालय एक ऐसा जगह होता है जहां हमारे समय और धन की बचत भी होती है और विभिन्न प्रकार के प्रकाशनों के किताब मुहैया भी कराई जाती है जिससे हम अध्ययन कर अपने ज्ञान में वृद्धि करते हैं|
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