essay on bhrashtachar in hindi – भ्रष्टाचार पर हिंदी निबंध
आज के इस लेख के माध्यम से हम भारत देश में फैली भ्रष्टाचार से दो चार करा रहे है जो हमारे देश को खोखला कर रही है अतएव इस मुद्दे पर कक्षा 3 , 4 , 5 ……… 12 तक परीक्षा की दृष्टिकोण से भ्रष्टाचार पर लघु , मध्यम तथा दीर्घ हिंदी निबंध 2021 ( SHORT , MEDIUM AND LONG HINDI ESSAY ) प्रस्तुत किये जा रहे है , उम्मीद है आपको यह निबंध पसंद आएगा तो चलिए चलते है निबंध की ओर –
भ्रष्टाचार पर हिंदी निबंध – 2021
निबंध ( 320 शब्दों में ) –
प्रस्तावना –
भ्रष्टाचार आज किसी भी देश की सबसे बड़ी समस्या है | देश की कामयाबी और सफलता में भ्रष्टाचार सबसे बड़ी बाधक मानी जाती है | भ्रष्टाचार का मतलब ही होता है वैसा आचरण व कृत्य जो हमे और देश को आगे बढ़ने नहीं देती है | इंसान की लालसा ही भ्रष्टाचार को जन्म देती है |
मनुष्य का लालच उन्हें गलत कृत्य और व्यवहार की तरफ ले जाती है | हमारा देश भारत जो पूरी तरह से भ्रष्टाचार में डूब चूका है | भ्रष्टाचार हमारे देश में एक महामारी की तरह फ़ैल गयी है जिससे हमारा पूरा देश संक्रमित हो गया है |
भ्रष्टाचार की परिभाषा –
भ्रष्टाचार दो शब्द – भ्रष्ट और आचार से मिलकर बना हुआ है जिसमे भ्रष्ट का शाब्दिक अर्थ – बिगड़ा हुआ अथवा बुरा तथा आचार का शाब्दिक अर्थ – व्यवहार अथवा आचरण होता है |
उपसंहार –
हमारा देश भारत जो कृषिप्रधान देश माना जाता है जहाँ मेहनत को लोग अपना मुकद्दर मानते है |ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ( TE )की एक जारी रिपोर्ट के आधार पर पाया गया की भारत एशिया महाद्वीप का सबसे घूसखोर देश का खिताब अपने नाम किया है | जहाँ घूसखोरी की दर 39 फीसदी आँकी गयी है |
रिपोर्ट के आधार पर बताया जा रहा है की देश में सबसे ज्यादह भ्रष्ट पुलिस और अफसर है देश की जनता का ऐसा मानना है और इन पुलिस और अफसरों की दर 46 फीसदी आँकी गयी है | इसके बाद देश के सांसद वर्ग के लोगो का स्थान पाय गया है जिसकी भ्रष्टाचारी की दर 42 फीसदी आँकी गयी है |
essay on bhrashtachar in hindi – भ्रष्टाचार पर हिंदी निबंध
खून – पसीने के साथ खेती किसानी करने वाले आम भारतीय किसान जब देश की भ्रष्टाचार से दो चार होता है तो उनकी जीवन लीला संकटमय हो जाती है | आज भारत में किसी भी क्षेत्र और सेक्टर में सिर्फ और सिर्फ भ्रष्टाचार का शाशन चलता है | सत्य और अहिंसा के मार्ग पर देश को चलाने वाले गाँधी के देश में अब सत्य और अहिंसा एक मजाक का विषय बन चूका है |
निबंध 2 ( 1300 शब्दों में ) –
भूमिका –
भारत की कुल आबादी लगभग 2011 की जनगणना के आधार पर 121 करोड़ आँकी गयी थी | भारत में जितनी बड़ी आबादी है उसी अनुपात में भारत में भरष्टाचार का एक बड़ा क्षेत्र भी अस्तित्व में है | देश में बढ़ते भ्रष्टाचार कई उदहारण है जैसे – दहेज़ उत्पीड़न , आत्महत्या , घूसखोरी , बलात्कार , फिरौती , देह – व्यापार आदि | भारत एशिया महाद्वीप का सबसे भ्रष्ट देश माना जाता है | देश में हर दिन बलात्कार और दहेज़ से उत्पीड़ित मुद्दे आदि दिन ब् दिन कइयों की सँख्या में बढ़ते जा रहे है |
भ्रष्टाचार के कारण –
देश में बढ़ते भ्रस्टाचार के कई कारण हो सकते है | कुछ कारणों पर आप गौर कर सकते है जो निम्नलिखित है –
(क) धन की लालसा –
मनुष्यों के अच्छे जीवन के लिए धन अनिवार्य होता है परन्तु अगर वो धन गलत मार्ग से कमाया गया हो तो फिर वैसे धन का कोई महत्व नहीं रह जाता है | भारत में रोजगार की कमी है ऐसे में लोग गलत मार्ग पर चले जाते है जैसे – फिरौती , लूटपाट आदि जैसे असामाजिक कार्यो को अंजाम देते है |
हमारे देश में किसी भी मामूली काम के लिए धन की जरुरत होती है , हम रिश्वत के तौर धन देकर अपने कार्य का समाधान कर पाते है | भारत के सभी क्षेत्रो में धन के लालची लोग बैठे पड़े है |
(ख) रोजगार की कमी –
हम सभी जानते है की अभी हम सभी कोरोना की जंग लड़ रहे थे | कोरोना के चलते लोगो को रोजगार से दूर अपने कमरे में बंद होना पड़ा इस संकट से पूरी दुनिया प्रभावित हुआ है परन्तु भारत के लोग अत्यधिक प्रभावित हुए है और इसका कारण यहाँ की बढ़ती बेरोजगारी और गरीबी है |
essay on bhrashtachar in hindi – भ्रष्टाचार पर हिंदी निबंध
सुचना के आधार पर ऐसा पाया गया है की सम्पूर्ण दुनिया की गरीब आबादी का तीसरा हिस्सा भारत में निवास करती है | भारत की योजना आयोग के अनुसार वर्ष 2009 -10 के रिकॉर्ड के आधार पर यहाँ पिछले पाँच सालों में गरीबी 37.2 फीसदी से घटकर 29.8 फीसदी पर आ गई है।
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इकोनॉमी (CMIE) के अनुसार भारत अभी लगभग 4 करोड़ के पास कोई रोजगार नहीं है | ऐसे में एक इंसान खिन्नता का शिकार हो जाता है और वे अपराध की दुनिया में भी चले जाते है जो भ्रष्टाचार को जन्म देता है |
(ग) गरीबी एक दंश –
भारत में अक्सर लोग मजदूर वर्ग के होते है जैसे – ठेला चलाने वाला , जुटे पोलिश करने वाला , सब्जी तरकारी बेचने वाला , छोटे मोटे काम करने वाला व्यक्ति सभी लोग दिहाड़ी मजदूरी करते है जिनसे उनका भरण – पोषण दुर्लभ हो गया है |
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार साल 2019 में भारत में होने वाले तमाम आत्महत्याओं में हर चौथा व्यक्ति मजदूर था अर्थात भारत में होने वाले सभी आत्महत्याओं में 25 % मजदूर था और उनकी आत्महत्याओं की वजह उनकी गरीबी थी | भारत सोने की चिड़िया कही जाने वाली आज भुखमरी और गरीबी का शिकार हो चुकी है |
भारत में दिन ब दिन बढ़ती बेरोजगारी और महँगाई ने हम गरीबों का जीना दुर्लभ कर दिया है | एक रिपोर्ट के आधार पर ये बात सामने आयी है के संसार में जितने भी गरीब लोग है उनका तीसरा हिस्सा भारत में ही निवास करता है | वाकई अन्य देशो की तुलना में हमारा देश कितनी अधिक सँख्या में गरीबी का भण्डार लिए बैठा है |
(घ) भारतीय शासन – प्रणाली का कर्तव्यहीन होना –
यूँ तो भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र माना जाता है साथ ही एशिया महाद्वीप के नक़्शे पर सबसे भ्रष्ट देश भी माना जाता है | हमारे देश की शासन व्यवस्था में काफी कमी है | यहाँ कार्य करने वाले छोटे अधिकारी के साथ – साथ बड़े अधिकार भ्रष्टाचार में लिप्त है |
उनका अपने – पाने क्षेत्र पर विशेषधिकार होता है अर्थात वे अपनी क्षमता और कुर्शी का दुरूपयोग करते है तथा संलिप्त पाए जाने पर उन्हें धन की लालसा में स्वतंत्र भी कर दिया जाता है | इस तरह की शासन प्रणाली को अपनाकर हम एक बेहतर भारत और समाज का निर्माण कभी नहीं कर सकते है |
भ्रष्टाचार के निवारण –
(क ) भारतीय शासन व्यवस्था का सख्त होना –
भारत में शासन व्यवस्था लचीला और भ्रष्ट है | देश चलाने वाले लोग या सरकारी डिपार्टमेंट ही जब भ्रष्ट और बेईमान हो जाए तो देश का भविष्य खतरे में पर जाएगा | देश में जब कोई अपराध घटती है तो उसके लिए कोई संवेदना नहीं होनी चाहिए , केस का तुरंत निराकरण कर सजा मिल जानी चाहिए |
(ख) न्याय व्यवस्था में बदलाव –
भारत में किसी अपराध का निराकरण करने में वर्षो तक का इंतज़ार करना परता है | अन्य देश – सऊदी अरब , दुबई , क़तर , मलयेशिया आदि की तरह भारत में काफी देर से न्याय मिल पाता है | भारत का न्यायपालिका आज अमीरों की कठपुतली बन चुकी है |
जिसके पास जितना धन है वे उतने ही भ्रष्ट है क्योंकि वे आश्वस्त है इस बात से की वह कभी भी न्यायपालिका पर अपना प्रभुत्व बना सकता है | अर्थात अब हमे न्यायपालिका में सुधार लाने के लिए न्यायधीशों की बहाली ससमय करनी होगी और इसकी प्रक्रिया त्वरित स्तर पर करनी होगी |
(ग) गरीबी का उन्मूलन –
भारत में गरीबी बड़ी व्यापक स्तर की है | यहाँ अधिकतर लोग किसान है और गरीब है | अत्यधिक गरीबी भी भ्रष्टाचार को जन्म देता है | आज एक शिक्षित युवा को नौकरी या रोजगार प्राप्त नहीं है | देश की हालत बद से बदतर हो गयी है |
essay on bhrashtachar in hindi – भ्रष्टाचार पर हिंदी निबंध
एक रिपोर्ट के मुताबिक बताया गया है की संसार के जितने भी गरीब आबादी वाले लोग है उनका तीसरा हिस्सा भारत में निवास करता है | गरीबी और महंगाई के कारण लोग आत्महत्या कर रहे है |
(घ) रोजगार के अवसर प्रदान करने से –
भारत में बेरोजगारों की कमी नहीं है | यहाँ के लोग बड़ी सँख्या में बेरोजगार है | भारत में रोजगार के अवसर और मार्ग खुल जाते है और उन्हें अच्छी मेहनताना मिलने लगे तो शायद देश में भ्रष्टाचार पर लगाम डाला जा सकता है | क्योंकि लोगो के पास गरीबी दूर होने लगेगी और लोग उन्नत और समृद्ध होंगे तो भ्रष्टाचार पर लगाम अवश्य ही लग जायेगा |
मनुष्य का लोभी स्वभाव भ्रष्टाचार की तरफ उन्मुख करता है और अगर उनके पास एक अच्छी रोजगार होगी जिससे वे अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति कर पाने में सक्षम हो सकेगा तो यकीं करिये वे लोभ और लोलुपता का त्याग कर उन्नत जीवन जीने की ओर उन्मुख होंगे |
भ्रष्टाचार कम करने में समाज की भूमिका –
किसी की सफलता के पीछे का रहस्य उनकी एक विवेकशील समाज होती है | देश में जो गन्दगी और कुरीतियाँ फैली हुयी है वो सब समाज की भूमिका के कारण ही होता है | समाज अगर ईमानदार और भ्रष्टाचार के खिलाफ एकत्र हो जाए तो देश से भ्रष्टाचार दूर होने पर मजबूर हो जायेगा |
समाज में जन्मे बच्चे को सही मार्गदर्शन प्राप्त हो जाए तो वे देश का कायकल्प कर सकते है | अबतक समाज में बच्चे को पढ़ा – लिखाकर यही सिखाया जाता है जब तुम्हे सरकारी नौकरी लगेगी तो तुम रिश्वत के पैसे से खूब ज्यादह समृद्ध हो जाओगे | ये कुरीतियाँ और गैरसामाजिक अपराध करने के लिए हमे समाज के द्वारा ही प्रेरणा मिलता है | अगर हमे समाज से सही मार्गदर्शन प्राप्त हो जाये तो वाकई हम देश से भ्रष्टाचार को मुक्त कर सकते है |
उपसंहार –
भारत में बड़ी मात्रा में भ्रष्टाचार घर कर गया है | भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए हमे समाज और उनकी मानसिकता को बदलना होगा | हमे स्वयं में बदलाव करने होंगे , हमे पहले स्वयं में विचार करने होंगे की हम अपने बच्चो को ईंमानदार और देश के प्रति कृतज्ञ बनाने के लिए शिक्षा और विचार किस उद्देश्य से दे रहे है जिससे हमारा देश भ्रष्टाचार को समाप्त कर पायेगा |
सरकार की नीतियों में बदलाव लाकर तथा सख्त कदम उठाकर देश की भ्रष्टाचार को समाप्त करना होगा | देश में फैली बेरोजगारी को दूर कर तथा गरीबी का उन्मूलन कर समानता के विचार को सार्वजानिक करना होगा | भाई – भतीजेवाद आदि कुप्रथा को समाप्त करना होगा तब जाकर हमारा समाज भ्रष्टाचार से मुक्त हो पायेगा |
हमारे समाज की मानसिकता और विचार हमे किस मार्ग पर ले जायेगी इसका अहसास कराएगी हम अपने कृत्य से नरसंघार को सोचेंगे तो हम शायद बदल पाएंगे | भ्रष्टाचार ख़त्म करना देश से कोई बड़ी बात नहीं है हमारे साथ सरकार ईमानदारी और सत्य के मार्ग को अपना ले |
निबंध 3 ( 600 शब्दों में ) –
प्रस्तावना –
भारत में भ्रष्टाचार आम हो गया है | भारत में अधिकतर लोग किसान है और उसमे भी गरीब जो सरलता से देश में फैली भ्रष्टाचर का शिकार हो जाते है | भारत एशिया महाद्वीप का सबसे भ्रष्ट देश माना जाता है | भारत में बलात्कार , हत्या , फिरौती , देह – व्यापार , दहेज़ – प्रताड़ना आम बात है | यहाँ गरीबो के साथ कभी भी कुछ भी हो सकता है |
भारत में जब एक मजदूर का बेटा पढ़ – लिखकर नौकरी का हकदार बनता है तब सामने सरकार तथा निजी क्षेत्र के अधिकारी वर्ग के द्वारा रिश्वत का भोझ इतना बड़ा दे दिया जाता है के वे मासूम आत्महत्या को विवश हो जाता है | भारत में सुरक्षा नाम का मजाक होता है कभी भी किसी भी गरीब व्यक्ति के साथ कोई भी घटना हो सकती है इसका अंदाजा लगान मुश्किल होता है |
भारत में भ्रष्टाचार एक अभिशाप –
कहा जाता है भारत का संविधान लचीला है सच में ये बात जमीनी स्तर पर भी देखने पर साबित हो जाता है | यहाँ कोई भी कानून और संविधान से खिलवाड़ कर लेता है | यहाँ पैसा ही सर्वश्रेष्ठ है , पैसे के बल पर किसी भी अपराध का सबूत मिटाया जाना आम बात है |
भारत में असमानता और और गरीबी के कारण किसी भी अपराध को दबाना आम बात है क्योंकि यहाँ लोग गरीबी और भ्रष्टाचारी से तंग आकर स्वयं को निर्बल मान है और न्यायपालिका से तो लगभग सभी लोगो का उम्मीद समाप्त ही हो चूका है |
आज भी यहाँ भ्रष्टाचार को थोड़ी कठिनाई के साथ समाप्त किया जा सकता है क्योंकि आज भी बढ़ते तकनीक के दौर में प्रतियोगिता परीक्षाएँ ऑनलाइन मोड में न होकर ऑफलाइन प्रकिया से संपन्न किया जाता है इसका सीधा मतलब है – भ्रष्टाचार |
भारत में सभी डेपार्टमेंट में से पुलिस डिपार्टमेंट ऐसी है जहाँ सबसे ज्यादह भ्रष्टाचार फैली हुयी है एक सर्वे के आधार पर ये जानकारी सामने आयी है यहाँ पुलिस फाइल तथा मामले अगर ऑनलाइन कर दिया जाए और सरकार सख्त हो जाए तो भ्रष्टाचार नहीं रहेगा क्योंकि ऑनलाइन रिकॉर्ड एक बड़ी सबूत हो जाएगी और उसे दबा कर भी दबाया नहीं जा सकता है कई सारे पक्ष है जिसे सुधार देश से भ्रष्टाचार को मुक्त कर सकते है उदारहरण के तौर पर खाड़ी देश – सऊदी , दुबई ,मलेसिया , क़तर , तुर्की ,इंडोनेसिया ,स्विट्ज़रलैंड आदि जैसे देश हमारे लिए आज के समय में प्रेरणाश्रोत है |
उपसंहार –
भारत अपनी अनेकता में एकता के लिए विश्वविख्यात है परन्तु भ्रष्टाचार के मामले में यह कई देशो को जरूर पीछे छोड़ दिया है जहाँ से हमारे देश में घूसखोरी , बलात्कार , दहेज़ – उत्पीड़न , हत्या , अपहरण आदि ने जन्म लिया है |
देश उन मार्ग की और निकल चूका है जहाँ से गरीबो को साँप की तरह कुचल दिया जाता है , जहाँ सिर्फ और सिर्फ पैसे का न्याय मिलता है | जिस देश में भगवान् राम ,कृष्ण , भगवान् बुद्ध , अशोक , अकबर , महाराणा प्रताप , टीपू सुलतान आदि महान शूरमाओं ने जन्म लिया जिसने हमे इंसानियत , सर्वोत्तम पुरुष बनने का मार्ग दिया आज हम उस मार्ग को भूल कर अपराध , बदनुमा दाग , राक्षस , दानव के मार्ग पर जीवन व्यतीत कर रहे है |
आज हम स्वयं को भूल बैठे है , हम अपने देश के लिए शहीद होने वाले वंशज के पुत्र है जो पैसे और दौलत से जमीर नहीं बेचा करते लेकिन आज हम उन आदर्शो को भुला बैठे है और रावण जैसे दानव का विचार ग्रहण कर बैठे है |
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