essay on dussehra in hindi – दशहरा पर हिंदी निबंध
आज हम इस लेख के माध्यम से सीखेंगे दशहरा पर हिंदी निबंध 2021 जो सभी वर्ग 4 , 5 , 6 , 7 …….. 12 तक के लिए परीक्षा के दृष्टिकोण से उपयोगी तथा लाभप्रद होने वाली है |
यह लेख आप सभी की आवश्यक्ताओ को ध्यान में रखते हुए लघु , तथा बड़े निबंध ( short and long essay 2021) प्रस्तुत किये जा रहे है | मुझे आशा है की आप सभी को मेरा ये लेख पसंद आएगा | तो चलिए चलते है बिना समय गवाए दशहरा पर हिंदी निबंध 2021 की ओर ……
दशहरा पर हिंदी निबंध
निबन्ध संख्या – 1
प्रस्तावना –
दशहरा हिन्दुओ का एक महत्वपूर्ण त्योहार है | यह प्रत्येक वर्ष भारतीय पंचांग के अनुसार अश्विन के महीने में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है | | भारतीय सभ्यता और संस्कृति में ऐसी मान्यता है के भगवान् राम ने अत्यंत क्रूर और महादानव राक्षस रावण का इसी दिन बद्ध किया था और संसार में सत्य और अहिंसा को सर्वोपरि बताया था |
साथ ही ऐसी मान्यता भी है के देवी दुर्गा ने दस दिनों की भयानक युद्ध के पश्चात महिषासुर नामक दानव पर विजय प्राप्त किया था | इन मान्यताओं के आधार पर ही भारत देश में दसहरा का पर्व बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है | इसी कारण दशहरा को विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है |
इस पर्व से हमारे समाज के अंदर इस बात का भी सन्देश मिलता है के असत्य पर हमेशा सत्य की ही जीत होती है | कहा जाता है की भारत के प्राचीन काल में राजा लोग विजयादशमी के दिन ही रन – भूमि में प्रस्थान करने में अत्यधिक रूचि रखते थे |
essay on dussehra in hindi – दशहरा पर हिंदी निबंध
कहा जाता है की विजयादशमी के दिन किसी भी कार्य को प्रारम्भ करने से उसमे विजय प्राप्त होती है | भारतीय संस्कृति वीरता की पूजक और शौर्य की उपासक है | समाज के लोगो में सत्य और अहिंसा का प्रसार हो , जनसधारणो के रक्त में वीरता का संचार हो इस पर्व को हर्ष और उल्लास के साथ मनाये जाने का कारण ये भी है |
दशहरा का महत्व –
दशहरा का भारतीय सभ्यता और संस्कृति में बहुत महत्व है | भारत एक कृषिप्रधान देश है | यहाँ की लगभग सत्तर फीसदी से अधिक आबादी कृषि पर निर्भर है | जब किसान अपने फसलों को खेतो से कटाई करके लाता है तो उसकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहता है | क्योंकि किसान का संपत्ति उसका अनाज ही होता है |
उसकी खेती – किसानी उसका गौरव होता है | किसान अपनी इस उबलब्धि का श्रेय अपने भगवान् को मानता है | भगवान् की श्रद्धा के साथ पूजा – अर्चना करता है तथा भगवान् को भेंट चढ़ाकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करता है | भारत में इस पर्व को अलग -अलग जगहों पर विभिन्न शैलयो के साथ बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है | महाराष्ट्र में दशहरा के इस पर्व को ‘ सिलंगण ‘ नाम के सामजिक महोत्सव के रूप में आयोजित कर बड़े ही उत्साह और हर्ष के साथ मनाया जाता है |
सायंकाल के समय गाँव के सभी लोग एकत्रित होकर गाँव की सिमा लांघकर कर शमी वृक्ष के पत्तो को ‘ स्वर्ण ‘ बताकर उसे हवा में उड़ेलते है तथा आपस में सब उसे बन्दर – बाँट कर इस पर्व को आनंदायी ढंग से मनाते है | पुनः गॉव वापस आकर एक साथ भोजन का सेवन करते है | भारतीय समाज में इस पर्व का बड़े ही श्रद्धापूर्वक ढंग से तथा बड़े ही उल्लास के साथ मनाया जाता है |
भारत के विभिन्न संस्कृतियों की दशहरा –
भारत विभिन्न संस्कृतियों वाला देश माना जाता है | यहाँ की संस्कृति भिन्न – भिन्न है | दशहरा का पर्व भी भारत में भिन्न – भिन्न शैलयो में मनाया जाता है | हिमाचल प्रदेश के कुल्लू का दशहरा भी अत्यधिक प्रसिद्ध है | यहाँ के पहाड़ी लोग एक साथ ढोल , नगर , तासे इत्यादि वाद्यंत्रों के साथ पहाड़ के वादियों में बजाकर इस पर्व का आनदं उठाते है |
सभी लोग नव – वस्त्र से सुसज्जित होकर अपने स्थानीय देवियो की पूजा – अर्चना कर दशहरा के पर्व का हर्ष व उल्लाश के साथ आनंद उठाते है | यहाँ भी अन्य शहरो की तरह ही दस दिन पूर्व इसकी तयारी शुरू हो जाती है | यहाँ के मुख्य देवता रघुनाथ की पूजा अर्चन अत्यघिक धूम धाम के साथ मान्य जाता है |
पंजाब का दशहरा भी लोगो को खूब श्रद्धा से जोड़ने का कार्य करता है यहाँ दस दिन पूर्व से ही लोग उपवास का आयोजन करते है तथा आगंतुकों का अभिवादन पारम्परिक मिठाई के साथ करते है | बड़े स्तर पर मेले का आयोजन किया जाता है तथा रावण – दहन के लिए विशेष तैयारियां की जाती है |
गुजरात में मिटटी से बने घड़े को भिन्न – भिन्न रंगो के साथ – साथ सुसज्जित कर वह की स्त्रियों के सिर पर रख कर देवी – देवताओ की पूजा – अर्चना की जाती है | तथा वह विशेष रूप में नृत्य का आयोजन किया जाता है जो लोगो को खूब मोहित करता है जिसे ‘ गरबा ‘ के नाम से जाना जाता है | स्त्री पुरुष दो छोटे – छूटे रंगीन डंडे के साथ खूब सारा नृत्य करते है ये नृत्य और शैलिया तो पुरे देश का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट करने से नहीं चूकते है |
कश्मीर की वादियों में भी इस पर्व को मनाने की आवाज़ दूर – दूर तक सुनाई देती है | यहाँ के अल्पसंख्यक हिन्दू भाई भी इस पर्व के लिए दस दिन पूर्व से ही उपवास रखने शुरू कर देते है | परिवार के सारे व्यस्क सदस्य दस दिनों तक सिर्फ पानी पीकर ही उपवास करते है |
पुराणी परम्पराओ के आधार पर लोग यह माता खीर भवानी की पूजा – अर्चना के लिए लगता दस दिनों तक मंदिर का भ्रमण करने जाते है | माता खीर भवानी का मंदिर सरोवर के बीचोबीच बना हुआ है | यहाँ ऐसी मान्यता है की माता देवी ने अपने भक्तो से कहा था की जब कोई संकट आने वाली होगी तो इस सरोवर कर पानी काला हो जायेगा |
इसी मान्यताओं के बिच लोगो को यह आस्वस्त हो गया तब जब भारत – पाकिस्तान के बिच युद्ध छिड़ गया तथा भारत के भूतपूर्व प्रधानमंत्री श्रीमति इंदिरा गाँधी की मिर्त्यु हुयी थी , तो दोनों ही परिस्थिति में इस सरोवर का पानी काला हो गया था |
रामलीला का आयोजन –
देश के सभी जगहों में दशहरा पर्व को बड़े ही धूम – धाम के साथ मनाया जाता है | देश के सभी हिस्सों में रावण के दहन को बड़े ही विशेष रुप से व्यवस्थित करके उनके दहन प्रक्रिया को बड़े ही सौभाग्यपूर्ण तथा श्रद्धा के साथ अंतिम रूप दिया जाता है | इस दिन रावण के दहन के पश्चात सायंकाल में राम के जीवन – यापन का चर्चा बड़े ही श्रद्धा भाव के साथ किया जाता है |
सभी जगहों पर मंदिरो के अंदर पंडितो के द्वारा हिन्दू धर्मग्रन्थ रामायण का वाचन किया जाता है | कई जगहों पर भगवान् राम और माता सीता के जीवन – यात्रा को नाट्य – कला के जरिये जनमानस तक प्रस्तुत किया जाता है | पंडितो के द्वारा मंदिरो में कथा – वाचन किया जाता है तथा भगवान् की पूजा – अर्चन बड़े ही श्रद्धापूर्ण भाव के साथ किया जाता है |
दशहरा पर निबंध ( 100 शब्दों में )
निबन्ध संख्या – 2
दशहरा भारत देश के हिन्दू धर्म के लोगो का एक महत्वपर्ण त्योहार माना जाता है | यह त्योहार दस दिनों तक लगातार चलता रहता है | यह पर्व भारतीय पंचाँग के अनुसार आश्विन के माह में मनाया जाता है | ऐसा कहा जाता है के भगवन राम ने एक राक्षस का बद्ध किया था और इसी दिन माँ दुर्गा ने भी दस दिनों की लम्बे संघर्ष के पश्चात एक दानव महिषासुर का बद्ध किया था | तब से ही यह पर्व भारत देश में बड़े ही हर्ष और उल्लाश के साथ मनाया जाता है | इस पर्व को विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है | यह पर्व बुड़ाई पर अच्छाई की जीत का सन्देश भी देता है |
दशहरा पर निबंध हिंदी में 10 पंक्तियाँ –
- दशहरा हिन्दुओ का महत्वपूर्ण त्योहार है |
- इसे विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है |
- इसे प्रत्येक वर्ष अश्विन माह के महीने में मनाया जाता है |
- यह महादानव रावण के बद्ध के उपलक्ष्य में मनाया जाता है |
- इस दिन ही एक राक्षस महिषासुर का अंत माँ दुर्गा के द्वारा हुआ था |
- दशहरा का पर्व भारत देश में विभिन्न शैलियों में मनाया जाता है |
- यह सत्य पर विजय प्राप्त करने का भी पर्व माना जाता है |
- भारत के गुजरात राज्य में इस पर्व को ‘गरबा ‘ नामक नृत्य के रूप में भी मनाया जाता है |
- इस दिन लगभग सभी भारतीय हिन्दू भाई उपवास का व्रत भी रखते है |
- इस पर्व के दिन भगवान् राम के जीवन – चरित्र का वाचन भी बड़े श्रद्धा के साथ किया जाता है |
उपसंहार –
हमारा देश भारत दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाला देश माना जाता है | यहाँ की जनसँख्या अत्यधिक विशाल है | दशहरा के पर्व में भी इस विशाल जनसँख्या को बड़े ही हर्ष और उल्लाश के साथ मानते हुए देखा जा सकता है |
इतनी विशाल जनसँख्या से इस पर्व के मनाये जाने के दौरान बहुत सी सावधानियों को नकार दिया जाता है जैसे बड़ी मात्रा में जल को प्रदूषित कर दिया जाता है तथा बड़ी मात्रा में कचरो – कुरो को सडको पर फेंक दिया जाता है जिससे वातावरण प्रभावित होता है | विशाल जनसमूह के दौरान देश में यातायात में बड़ी संकटो का सामना करना परता है | तथा ध्वनि प्रदूषण की भी समस्या बढ़ जाती है जिससे हम इंसानो तथा धरातल पर पाए जाने वाले अन्य जीवो को श्रवण सम्बन्धी समस्याओ का सामना करना परता है |
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