Essay on Environment in Hindi For students

essay on environment in hindi – पर्यावरण पर हिंदी निबंध

आज हम इस लेख के माध्यम से पढ़ेंगे   पर्यावरण पर हिंदी निबंध 2021   जो परीक्षा के दृष्टिकोण से सभी वर्ग 4 , 5 , 6 , 7 …… 12 तक के लिए उत्तरदायी और लाभप्रद होने वाली है। ……

आपके विचारों को ध्यान में रखते हुए निचे छोटे और बड़े निबंध ( short and long type hindi essay ) प्रकाशित किये गए है जो आपके विचाओ को लाभ प्रदान करेंगी | ……. 

पर्यावरण पर हिंदी निबंध

निबंध संख्या – 1

प्रस्तावना –

पर्यावरण ( environment) शब्द की उत्पत्ति दो शब्दों के साथ मिलकर हुई है –  परि तथा आवरण |  ‘परि’  शब्द का सम्बन्ध हमारे चारो ओर की वस्तुओ से है तथा ‘ आवरण ‘ शब्द का सम्बन्ध जो हमे चारो ओर से घेर रखा हुआ है | पर्यावरण का सीधा सम्बन्ध प्रकृति से है |

हमारे चारो ओर विभिन्न प्रकार के पेड़ – पौधे , जीव – जन्तु , सभी सजीव प्राणी तथा निर्जीव पदार्थ मौजूद है जो पर्यावरण के अभिन्न अंग होते है | हमारे चारो ओर पाए जाने वाले वायु , जल इत्यादि पर्यावरण के महत्वपूर्ण घटक माने जाते है | हमारे जीवन पर  हमारे आस – पास के पर्यावरण का अत्यधिक प्रभाव पड़ता है | मनुष्य को स्वस्थ्य रहने के लिए अपने आस – पास के पर्यावरण को स्वच्छ रखना होगा |

पर्यावरण में होने वाली घटनाये पृथ्वी पर पाए जाने वाले सजीव प्राणियों के द्वारा होने वाले क्रियाओ तथा उनके जवान – निर्वाह के विभिन्न आयामो पर निर्भर करता है | वातावरण को प्रभावित करने वाले दो महत्वपूर्ण घटक माने जाते है – जैविक घटक तथा अजैविक घटक |

 essay on environment in hindi

essay on environment in hindi – पर्यावरण पर हिंदी निबंध

जैविक घटक  का सम्बन्ध पृथ्वी पर पाए जाने वाले सजीव प्राणियों जैसे – सूक्ष्मजीव तथा छोटे – छोटे प्राणियों तथा सभी वर्ग के सजीव प्राणियों के द्वारा होने वाले व्यवहार के ऊपर निर्भर करता है तथा दूसरी ओर अजैविक घटक का सम्बन्ध पृथ्वी पर पाए जाने वाले निर्जीव पदार्थो जैसे – चट्टानें , नदियाँ , पर्वते इत्यादि के द्वारा होने वाले गति तथा उनकी चाल पर निर्भर करता है |

 

पर्यावरण प्रदुषण क्या है ?

आज मनुष्यो के असीमित कल्पना और ईक्षा के कारण पर्यावरण नष्ट होने के कगार पर पहुंच गया है | मनुष्य के कृत्यों ने प्रकृति और स्वयं के नज़रो में आज हमे गिरा दिया है | जनसँख्या वृद्धि आज पुरे विश्व में बड़ी तेजी के साथ फ़ैल रहा है बजाये इसके समाधान की ओर न जाकर हम आज वनो की भारी मात्रा में कटाई करने शुरू कर दिए है जिससे हम अप्राकृतिक कृत्यों को जन्म दे रहे है |

वनो के विनाश के कारण आज कई साडी पर्यावरणीय समस्याओ से हम मनुष्य घिरते चले जा रहे है | वनो के कटाई के कारण आज ससमय वर्षा नहीं हो पा रही है जिससे हम फसलों का उत्पादन उच्च मात्रा में नहीं कर पाते है तथा सूखाग्रस्त की समस्याओ से दो चार होते  है |

सूर्य से निकलने वाली तरंगदैर्य किरणे जीवन दायी ओज़ोन की परत को भेद पाने में सक्षम हो रहा है जिसे हम कई बीमारियों का शिकार भी हो रहे है क्योकि हमारे द्वारा अत्यधिक पैमाने पर गाड़ियों के प्रयोग से फैलने वाली गैसे – कार्बन डाइऑक्साइड तथा कार्बन मोनोऑक्सइड जैसी जहरीली गैसों को भारी मात्रा जन्म देते है जिससे की हमारा जीवन रक्षक कवच ओज़ोन नष्ट होने के कगार पर पहुँच गया है |

 

पर्यावरण और हमारा दायित्व –

 प्रकृति में पाए जाने वाले सभी तत्व पर्यावरण के अभिन्न अंग है | पर्यावरण ने हमे जीवन – निर्वाह के लिए उन सभी आवश्यक चीज़ो की आपूर्ति की है जिससे हमारा जीवन भली – भाँति चल सके | जिस प्रकार पर्यावरण ने  हमे पेड़ – पौधे , जिव – जंतु , वायु , जल तथा विभिन्न जैविक घटको तथा अजैविक घटको इस सभी तत्वों से हमारा जीवन सम्पूर्ण कर दिया उसी प्रकार हमे हमारे पर्यावरण के प्रति भी कुछ जिम्मेदारियां है जिससे हमे पूर्ण करना है जिससे हम पर्यावरण के प्रति कृतज्ञ बन सकेंगे | 

हम मनुष्यो की जिम्मेदारी है के पर्यावरण को नष्ट होने से बचा सके | पर्यावरण को स्वच्छ रखकर हम इस जिम्मेदारी को निभा सकते है| पर्यावरण के लगातार क्षय होने से पृथ्वी पर पाए जाने वाले जिव – जन्तुओ के साथ – साथ हम मनुष्यो का भी जीवन खतरे में पर गया है | इस परिस्थिति में हम मनुष्यो का दायित्व बनता है के हम पर्यावरण के क्षय को रोक सकने में अपनी भूमिका का निर्वहन कर सके |

हमारे आस – पास के वायु स्वच्छ व साफ़ रखने के लिए हमे अतयधिक मात्रा में पेड़ – पौधे लगाने होने जिससे हमे प्रयाप्त मात्रा में स्वच्छ ऑक्सीजन की प्राप्ति संभव हो सकेगी | हमे सभी लोगो को मिलकर जल की शुद्धता तथा स्वच्छता बनाये रखने के लिए जल में फेंके जाने वाली गन्दगी को जल में फेंकने से बचाने के लिए संघर्षरत रहना होगा |

हमे कूड़ेदानों का प्रयोग कर जल को प्रदूषित होने से रोकना होगा इस संघर्ष में हम सभी महुष्यो का दायित्व बनता है के साथ मिलकर इस मुहीम को सफल बनाये जिससे हम पर्यावरण के दायित्यो को पूरा कर सके |

  हम अपने नजदीक के गंतव्य तक यात्रा करने के लिए वायु प्रदूषक सवारियों का प्रयोग करने से नहीं चूकते है जिससे हमारा पर्यावरण क्षय हो रहा है जबकि  हमे पर्यावरण के क्षय को रोकने तथा मानव – जीवन के अस्तित्व को बचाये रखने के लिए नजदीक के गंतव्य तक यात्रा करने में पैदल या साइकिल की सवारी को प्राथमिकता देकर हम पर्यावरण के दायित्यो को पूरा कर सकते है और वायु को स्वच्छ रख सकते है |

 

निष्कर्ष –

मनुष्य तथा पर्यावरण का एक गहरा सम्बन्ध  होता है | मनुष्य की असीमित इक्षाएं होती है और जिसे पूरा करना पर्यावरण के बिना संभव नहीं है अर्थात हमारा अस्तित्व तभी है जब पर्यावरण का अस्तित्व संभव है | इससे ये आशय प्राप्त होता है के हमे अपने अस्तित्व को बचाने के लिए पर्यावरण को बचाना होगा |

सांसारिक सुख प्राप्त करने के लिए मनुष्य आज विभिन्न प्रकार की विज्ञानं तथा तकनीक को जन्म दे रहा है जिससे हमे सांसारिक सुख प्राप्त तो हो रहा है परनतु कही न कही हम पर्यावरण को भी नष्ट करते दिखाई दे रहे है | आज हम जंगलो का विनाश कर रहे है जिससे हमे अपनी बढ़ती जनसँख्या को समृद्ध होने में सहायता प्रदान हो सके परन्तु हम इसके साथ – साथ परिस्थितिकी तंत्र को भी कमजोर कर रहे है |

हमे जीवित रखने वाले जीवन दायी तत्त्व ऑक्सीजन का भारी मात्रा में विनाश कर रहे है | पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत बनाये रखने वाले जानवरो का जंगल की कटाई के दौराण उन्मूलन हो रहा है जिससे हमारा जीवन बूरी तरह प्रभावित हो रहा है |

 

 

पर्यावरण पर निबंध ( 250 शब्दों में ) –

निबंध संख्या – 2

पर्यावरण ( environment) शब्द की उत्पत्ति दो शब्दों के साथ मिलकर हुई है –  परि तथा आवरण |  ‘परि’  शब्द का सम्बन्ध हमारे चारो ओर की वस्तुओ से है तथा ‘ आवरण ‘ शब्द का सम्बन्ध जो हमे चारो ओर से घेर रखा हुआ है | पर्यावरण का सीधा सम्बन्ध प्रकृति से है | पर्यावरण के ऊपर ही हम मनुष्यो का जीवन निर्भर करता है |

हम अपनी जीवन में अत्यधिक उम्र पाने लालशा रखते तो है परन्तु कही न कही हम अपने जीवन को स्वयं ही  समाप्त कर देने वाले कार्य अपने जीवन में हमेशा करते रहते है | नदियाँ , झरने , समुंद्र , वन , जिव – जंतु , पक्षी  इत्यादि सभी हमारे पारिस्थितिकी तंत्र का हिस्सा है जो पर्यावरण को सुचारु रूप से चलाने का कार्य कर रहे है |

परन्तु पृथ्वी पर पाए जाने वाले सभी सजीव प्राणियों में हम मनुष्य जीवन की अपार समर्धि पाने के लिए उत्सुक रहते है और हम ही सभी सजीव प्राणियों में एक मात्र कारण है जिससे हमारी पर्यावरण आज नष्ट होने के कगार पर पहुँच चूका है | मनुष्य ने ही आज पर्यावरण के सभी घटको को नष्ट करने का प्रयाश किया है |

जल , वायु , वन , जिव – जंतु , सरीसृप इत्यादि सभी समुदायों को हम मनुष्य ने ही अपनी तृष्णा के कारण हानि पहुँचाने का कार्य किया है |  पर्यावरण को प्रभावित करने वाले दो प्रमुख कारण माने जाते है – जैविक घटक तथा अजैविक घटक |

जैविक घटक के रूप में धरातल पर पाए जाने वाल सभी सजीव प्राणी जैसे – मनुष्य , जानवर , पक्षी , सरीसृप इत्यादि जैसे घटको में अपने कृत्य के कारण पर्यांवरण को नष्ट कर रहा है | तथा दूसरी ओर अजैविक घटक के रूप में नदी , पहाड़ , झरने , वन तथा महासागरों इत्यादि जैसो के प्राकृतिक गतिविधियों के कारण आज पर्यावरण को नुक्सान पहुँच रहा है |…..

इस लेख को प्यार देने के लिए आपका शुक्रिया !
और अधिक पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करे >>>

essay on environment in hindi – पर्यावरण पर हिंदी निबंध

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *