essay on gandhi jayanti in hindi – गाँधी जयंती पर हिंदी निबंध
महात्मा गाँधी सत्य और अहिंसा के पुजारी कहे जाते है | महात्मा गाँधी ने अपने जीवन के सुख का त्याग कर भारतीय स्वतंत्रता अभियान का हिस्सा बन देश को अंग्रेज़ो के चंगुल से आज़ाद करने का हर समय त्याग और बलिदान दिया है | उनकी त्याग और कुर्बानी की वजह से हम उन्हें “राष्ट्रपिता ” की उपाधि भी देते है इतना ही नहीं हम उन्हें ” बापू ” के नाम से जानते है | आज का निबंध गाँधी जयंती के अवसर पर लिखा गया है जो बच्चो को परीक्षा के दौरान निबंध के माध्यम से उनके जीवन यात्रा को समझने के लिए प्रेरित करता है तो आज आपकी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए लघु , मध्यम तथा दीर्घ ( short ,medium and long essay ) गाँधी जयंती पर हिंदी निबंध 2023 प्रस्तुत किये जा रहे है | उम्मीद है आपको यह निबंध पसंद आएगा तो चलिए चलते है निबंध की ओर –
गाँधी जयंती पर हिंदी निबंध – 2023
निबंध 1 ( 200 शब्दों में ) –
भारत में प्रत्येक वर्ष 2 अक्टूबर के दिन गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है | इस दिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म हुआ था | राष्ट्रपिता कहे जाने वाले महात्मा गांधी का जीवन आसान नहीं था | वे जीवन पर्यंत सत्य और अहिंसा का मार्ग पर चलते रहें |
हमारा देश अंग्रेजों का गुलाम था तब जाकर इस वीर पुरुष ने अंग्रेजों की दासता से हमें आजादी दिलाई | भारत में 2 अक्टूबर यानी गांधी जयंती के दिन राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मनाया जाता है | इस दिन को विश्व अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है | गांधी जयंती के दिन भारत में सभी स्कूल ,कॉलेज आदि में गांधी जी के जीवन यात्रा का स्मरण किया जाता है |
गांधी जी पूरे देश को सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया करते थे | उन्होंने सत्य और अहिंसा को ही अपना हथियार बनाया था | जिनसे ही उन्होंने अंग्रेजों को बार-बार पराजित करते थे | गांधी जयंती के दिन भारत में गांधी जी के समाधि पर फूलमाला चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है|
essay on gandhi jayanti in hindi – गाँधी जयंती पर हिंदी निबंध
गांधीजी के लंबे संघर्ष और बलिदानों के कारण ही हमारा देश आजाद हुआ था | महात्मा गांधी का जीवन सादगी से भरा था | गांधी जी अहिंसा में पूर्ण विश्वास रखते थे |
गाँधी जयंती पर 10 लाइन –
१ महात्मा गाँधी का जन्म २ अक्टूबर १८६९ को हुआ था |
२. महात्मा गाँधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी था |
३ महात्मा गाँधी के पिता का नाम करमचंद गाँधी था |
४. महात्मा गाँधी की माता का नाम पुतली बाई थी |
५. महात्मा गाँधी की पत्नी का नाम कस्तूरबा गाँधी थी |
६. महात्मा गाँधी की राष्ट्रपिता भी कहा जाता है |
७. महात्मा गाँधी को बापू की भी उपाधि मिली थी |
८. महात्मा गाँधी ने १९१७ में चम्पारण सत्याग्रह की शुरुआत की थी |
९. महात्मा गाँधी वकालत की पढाई के लिए इंग्लैंड गए थे |
१०. महात्मा गाँधी की मृत्यु ३० जनवरी १९४८ को हुआ था |
निबंध 2 (500 शब्दों में ) –
महात्मा गांधी भारत के एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे | महात्मा गांधी सत्य और अहिंसा के मानने वाले थे | महात्मा गांधी को भारत का राष्ट्रपिता भी कहा जाता है | इन्हें बापू के नाम से भी पुकारा जाता है| इनके त्याग और बलिदान की गाथा आज हम सभी के जुबाँ पर हैं |
भारत में 2 अक्टूबर के दिन गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है | सभी लोग महात्मा गांधी के विचारों को याद करते हैं उनके समाधि पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और उन्हें स्मरण कर गौरवान्वित महसूस करते हैं | महात्मा गांधी ने अंग्रेजो की 200 वर्षों की दास्तां को जड़ से उखाड़ फेंकने का जबरदस्त कार्य किया था|
उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन भारत मां के चरणों में अर्पित कर दिया | उनका अंग्रेजों के डंडे से पीटकर फिर उन्हें देश से बाहर कर देने का सफर बहुत ही कठिन था | उनके नेतृत्व में अदम्य शक्ति थी जिनसे बड़े बड़े अंग्रेज अधिकारी भी पराजित हो गए|
महात्मा गांधी का अंग्रेजों के विरुद्ध किए गए आंदोलन जैसे – असहयोग आंदोलन , चौड़ा – चौड़ी कांड ,नील की क्रांति ,नमक आंदोलन आदि ने देश के सभी लोगों का अपनी ओर ध्यान आकृष्ट कर दिया और फिर एक नई लहर दौड़ गई और फिर महात्मा गांधी के साथ देश के सभी लोग जुड़ते चले गए और फिर एक विशाल जनसमूह का उद्भव हुआ जिन्हें देखकर अंग्रेजों के पसीने छूटने लगे |
essay on gandhi jayanti in hindi – गाँधी जयंती पर हिंदी निबंध
गांधी जयंती के दिन हम सभी भारतीय उनके आदर्शों का स्मरण करते हैं गांधी जयंती के दिन राष्ट्रीय छुट्टी का आह्वान किया जाता है | इस दिन देश के सभी लोग उन्हें याद करके गौरवान्वित महसूस करते हैं | गांधी जी का पूरा जीवन त्याग और समर्पण से भरा पड़ा है |
गांधीजी की लंबी संघर्ष से अंग्रेज डरकर देश छोड़ने को विवश हो गए गांधी जयंती हमें एक सच्चा हिंदुस्तानी होने का आईना दिखाता है | हम भारत मां के रक्षक है इस बात का सबूत देता है , हमें अपने देश के लिए त्याग और बलिदान के लिए प्रेरित करता है |
आज भी हम सभी भारतीय 7 जून 1893 की घटना को याद करते हैं जब महात्मा गांधी को चलती ट्रेन से धक्का देकर उतार दिया गया था जबकि महात्मा गांधी के पास फर्स्ट क्लास डब्बे का टिकट मौजूद था फिर भी रंग – भेद के कारण महात्मा गांधी को थर्ड क्लास डब्बे में बैठने को कहा गया परंतु महात्मा गांधी अपने मौलिक अधिकार का हवाला देते हुए इस बात से इनकार कर दिया और जब ट्रेन पीटर मरिटजबर्ग स्टेशन पर पहुंचने ही वाली थी , महात्मा गांधी को नीचे धक्के देकर फेंक दिया गया |
उन्होंने उन्हें जवाब ना दे कर अपने देश में अंग्रेजों के खिलाफ मुंहतोड़ जवाब देने का निर्णय लिया तब से महात्मा गांधी का जीवन बिल्कुल बदल ही गया वे अब वकालत की नौकरी को त्याग कर देश की मर्यादा और सम्मान के लिए स्वतंत्र संग्राम में कूद पड़े | और तब अंग्रेजों के खिलाफ सविनय अवज्ञा आंदोलन का आगाज हुआ और जिसने अंग्रेजो की नीव को ही हिला डाला |
निबंध 3 ( 1000 शब्दों में ) –
प्रस्तावना –
महात्मा गांधी महान व्यक्तित्व के धनी व्यक्ति थे | वे एक वकील के रूप में दुनिया में विख्यात हुए | भारत में जब अंग्रेजों की सत्ता कायम हो गई उस समय महात्मा गांधी वकालत की पढ़ाई के लिए इंग्लैंड की यात्रा पर गए थे |
वहां अंग्रेजों की दासता से परेशान होकर वकालत की पढ़ाई पूर्ण करने के पश्चात भारत लौट गए भारत में अंग्रेजों के द्वारा भारतीयों पर किए गए अत्याचार से प्रेरित होकर महात्मा गांधी ने अंग्रेजों के विरुद्ध एकत्र होकर आंदोलन करने का निश्चय किया | महात्मा गांधी ने सत्य और अहिंसा के मार्ग को प्रशस्त किया |
उनका विचारधारा बिल्कुल ही सादा था | उनका जीवन यापन बिल्कुल ही सादा और निस्वार्थ था | महात्मा गांधी अपनी वकालत के काम के लिए दक्षिण अफ्रीका का भी दौरा किया वहां भारतीयों के ऊपर हुए अत्याचार से काफी परेशान हो गए | 2 अक्टूबर के दिन पूरे देश भर में गांधी जयंती के रूप में समारोह का आयोजन किया जाता है |
essay on gandhi jayanti in hindi – गाँधी जयंती पर हिंदी निबंध
पूरा देश इस दिन राष्ट्रीय छुट्टी पर अपना समय महात्मा गांधी को याद करते हुए बिताते हैं | महात्मा गांधी अपने व्यक्तित्व के कारण राष्ट्रपिता कहे जाते हैं उन्हें बापू के नाम से भी याद किया जाता है गांधी जयंती के दिन देशभर में गांधी जी के विचारों और जीवन के बारे में चर्चा की जाती है |
इस दिन गांधीजी के स्मारक पर फूल मालाये अर्पित की जाती है | और उन्हें प्रार्थना कर याद भी किया जाता है | गाँधी जी सत्य और अहिंसा के मार्ग को अपनाकर अंग्रेजों की 200 वर्षों की दासता को उखाड़ फेंकने में गाँधी जी सफल हो गए |
गाँधीजी के आंदोलन –
गांधीजी ने भारत को स्वतंत्र कराने के लिए संघर्ष करते रहे | गांधीजी के द्वारा कई आंदोलन किये गए | यह कुछ आंदोलन निचे अंकित किये जा रहे है जो इस प्रकार है –
(क) नमक सत्याग्रह –
समय के साथ-साथ अंग्रेजो के द्वारा भारतीयों का शोषण बढ़ता जा रहा था | अंग्रेजों ने भारतीयों के द्वारा इस्तेमाल किए गए नमक का कर क्षमता से अधिक कर दिया था | तभी महात्मा गांधी ने कुछ लोगों के साथ मिलकर 12 मार्च 1930 को अहमदाबाद के साबरमती आश्रम से दांडी गांव तक 24 दिनों की पैदल यात्रा कर अंग्रेजों के विरुद्ध अपना प्रतिशोध जागृत किया जिसे नमक सत्याग्रह के नाम से जाना जाता है |
(ख) भारत छोड़ो आंदोलन –
भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत 1942 में गांधी जी के नेतृत्व में हुई थी| इस आंदोलन के तहत महात्मा गांधी ने “करो या मरो” का नारा दिया था | इस आंदोलन के तहत महात्मा गांधी ने लोगों को एकत्रित कर अंग्रेजों के विरुद्ध आंदोलन छेड़ दिया था |
जिसमें उसने करो या मरो का नारा देकर लोगों का उत्साह वर्धन किया था | तथा अंग्रेजों को देश छोड़ने पर मजबूर और लाचार कर दिया था | भारत की आजादी में इस आंदोलन का एक महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है |
(ग) चम्पारण सत्याग्रह –
चंपारण सत्याग्रह की शुरुआत बिहार के पश्चिम चंपारण जिले से 1917 में प्रारंभ हुई थी | जहां सत्याग्रह आंदोलन भारत का पहला नागरिक अवज्ञा आंदोलन था |
नील की खेती कर रहे भारतीय किसानों के साथ हो रहे अत्याचार में इस आंदोलन का सूत्रपात हुआ था | आंदोलन में महात्मा गांधी ने लोगों के हिंसक प्रवृत्ति को हिंसात्मक प्रवृत्ति के साथ जोड़ दिया |
महात्मा गांधी ने लोगों में सत्य और अहिंसा के आधार पर ब्रिटिश के खिलाफ आंदोलन करने की बात कही और यहां से अंग्रेजों के पतन का शुभारंभ हो गया |
गाँधी जयंती क्यों मनाई जाती है ?
ऐसे महान व्यक्तित्व जिन्होंने अपनी वकालत की नौकरी को त्याग कर अपना जीवन देश की सेवा में अर्पित कर दिया वह कोई और नहीं बल्कि हमारे पूजनीय बापू देश के राष्ट्रपिता कहे जाने वाले महात्मा गांधी थे |
जिन्होंने अंग्रेजों को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए भारतीयों के साथ मिलकर अनगिनत आंदोलन किये , जेल गए ,अंग्रेजों के हाथ से पिटे , अपना सुखमय जीवन का त्याग कर दिए भला ऐसे महान पुरुष को कौन याद नहीं करेगा | इस महान पुरुष के जन्म दिन को ही गांधी जयंती के नाम से जाना जाता है |
essay on gandhi jayanti in hindi – गाँधी जयंती पर हिंदी निबंध
और यह भारत में प्रत्येक वर्ष 2 अक्टूबर को मनाया जाता है | दरअसल इस दिन महात्मा गांधी के स्मारक को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है और इसलिए इस दिन के लिए पुरे देश में सरकारी अवकाश का प्रावधान किया गया है कि हम सभी लोग पूजनीय बापू की विचारधारा और जीवन यात्रा को स्मरण कर सके |
और देश के जितने भी युवा पीढ़ी है उन्हें प्रेरणा मिले भारत को ऐसे ही वीर सपूत फिर से मिले | हमारे बच्चे कल बड़े होकर ऐसे ही महान इंसान बन सके | इनकी विचारधारा आज पूरी दुनिया में मार्गदर्शन कर रही है |
निष्कर्ष –
महात्मा गांधी एक महान व्यक्तित्व थे | उन्होंने सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए अपनी गरिमा की रक्षा की और सफलता प्राप्त की | कहा जाता है भारत युवाओं का देश है यहां युवा गांधी के विचारों का पालन करने लगे तो हमारा समाज एक बेहतर समाज बन सकता है |
हम बड़ी से बड़ी शक्ति को पराजित कर सकते हैं परंतु हमारे देश में भ्रष्टाचार इस हद तक फैली हुई है जिसमें देश के युवा झुलस रहे है | हम आज अपनी गौरव को भूल चुके है , जिस गौरव को पूरी दुनिया सराहा करती थी | 2 अक्टूबर के दिन पूरे देश में गांधी जयंती मनाए तो जाते हैं परंतु इसके अंदर छिपी संदेश को समझ नहीं पाते हैं |
इनके विचारधाराओं को भली-भांति हम समझने का प्रयत्न नहीं करते हमारा देश गांधी जी के विचारों को समझने लगे तो वाकई हर व्यक्ति एक बेहतर व्यक्तित्व का निर्माण कर सकेंगे और हमारा देश उन्नति और समृद्ध हो सकेगा |
इस देश में भ्रष्टाचार इस हद तक फैल चुका है कि जब हम सत्य और अहिंसा के बात करते हैं तो हमारा स्थान बहुत नीचे चला जाता हम दबे कुचले में गिने जाने लगते हैं |
आज हम अपनी शक्ति और गरिमा को भूल बैठे है हमे अपनी गरिमा को समझना होगा आज हम स्वयं में ही लड़ते चले जा रहे है | हम आज ये भी नहीं जानते की स्वयं को बर्बाद कर रहे है |
इस लेख को प्यार देने के लिए आपका शुक्रिया !
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