essay on hindi diwas in hindi – हिंदी दिवस पर निबंध
आज के इस लेख के माध्यम से हम सीखेंगे हिंदी दिवस पर निबंध 2023 जो आप के लिए परीक्षा और ज्ञान अर्जन करने की दृष्टिकोण से सहायक और अत्यधिक लाभप्रद सिद्ध होने वाली है | तो चलिए चलते है बिना समय गवाए आज के इस निबंध की ओर –
हिंदी दिवस पर निबंध 2023
प्रस्तावना –
भारत दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाला देश माना जाता है | भारत की आबादी लगभग सवा अरब आँकी गयी है | भारतीय संविधान में 22 भाषाओं को मान्यता प्राप्त है | परन्तु भारत में एक सर्वे के आधार पर पाया गया के यहाँ 121 ऐसी भाषाएँ है जिसे दस हजार से भी अधिक लोगो के द्वारा बोली जाती है |
2011 की भारत की जनगणना के अनुसार भारत की कुल आबादी का 43.63 प्रतिशत लोग हिंदी भाषा का प्रयोग करते है | 14 सितम्बर 1949 को भारतीय संविधान सभा में एक बैठक के दौरान तय किया गया था की हिंदी ही भारत की राजभाषा होगी |
अर्थात कुछ वर्ष पश्चात हिंदी का विस्तार करने के उद्देश्य से सन 1953 ईo को संवैधानिक रूप से 14 सितम्बर के दिन को हिंदी दिवस के रूप में घोषित कर दिया तब से प्रत्येक वर्ष भारत में 14 सितम्बर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है |
essay on hindi diwas in hindi – हिंदी दिवस पर निबंध
हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिलाने के लिए काका कालेलकर, मैथिलीशरण गुप्त, हजारीप्रसाद द्विवेदी, सेठ गोविन्ददास आदि महान हिंदी लेखक , कवी , विद्वान ने लम्बे संघर्ष के दौरान अन्त्या हिंदी को भारत देश की राजभाषा का दर्जा दिलाने में सफल हो गए | तब से हिंदी देश की सबसे लोकप्रिय भाषा बनकर उभरने लगी |
हिंदी दिवस का महत्व –
भारत में बोली जाने वाली सभी भाषाओं में हिंदी भाषा सबसे लोकप्रिय भाषा मानी जाती है | भारत के अलावा हिंदी भाषा नेपाल , बांग्लादेश , पकिस्तान , मॉरीसस आदि देशो में बोली और समझी जाती है | स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात भारत के बड़े रचनाकार , शिक्षाविद , कवी जैसे – प्रेमचंद , मैथलीशरण गुप्त , हजारीप्रसाद द्विवेदी आदि ने लम्वे संघर्ष के पश्चात हिंदी को भारत की राजभाषा के रूप में सफलता दिलाने में सफल हो गए |
भारत देश की राजभाषा हिंदी और यहाँ की लिपि देवनागरी है | भारत देश में हिंदी के प्रति सराहनीये कार्य करने पर सम्मानित भी किया जाता है | हिंदी के प्रति लगाव और रूचि को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार के द्वारा हिंदी दिवस के अवसर पर हिंदी के प्रति सरहनिये कदम उठाने वाले व्यक्तित्व को राजभाषा गौरव पुरुष्कार और राजभाषा कीर्ति पुरुष्कार आदि से सम्मानित भी किया जाता है |
भरत देश के महान गणितज्ञ और वैज्ञानिक रामानुजम ने अपनी शिक्षा हिंदी माध्यम से पूरी करि थी जिसने अपने बुद्धिमता और ज्ञान के आधार पर अमेरिका को भी लोहा मानने पर विवश कर दिया | भारत देश में सात सौ वर्षो से भी अधिक काल तक अपना साम्राज्य स्थापित करने वाले मुग़ल साम्राज्य को भी हिंदी से इतना लगाव था के भारत ही उनका वतन और मिटटी बन गया |
हमारे देश की हिंदी भाषा में वो मिठास और अपनत्व है जो किसी भी आगंतुक को आकृष्ट करने पर मजूर कर देते है | भारत में वैसे हजारो की संख्या में हिंदी के अलावा अन्य भाषाएँ बोली और समझी जाती है परन्तु हिंदी भाषा ने इन सभी भाषाओं से ऊपर अपना स्थान बनाया है | भारत के कई ऐसे महान रचनाकर पैदा हुए जिसे आज दुनिया याद करते नहीं थकती |
ऐसे ही महान रचनाकार जैसे – कवीर दास , सुमित्रानंदन पंत , रामधारी सिंह दिनकर , महादेवी वर्मा , आमिर खुसरो , तुलसी दास , रहीम आदि ने हिंदी भाषा के प्रति लगाव तथा अपनत्व कायम कर के ही आज भारत देश के महान लोगो की सूचि में गिने और जाने जाते है | इन्होने हिंदी भाषा को एक धरोहर की तरह अपनी रचना में प्रस्तुत किया |
हिंदी भाषा की मिठास को दुनिया के सामने जग जाहिर कर दिया जिससे लोग अभिभूत होकर हिंदी भाषा के प्रति अधिक कृतज्ञ और संवेदनशील समझने लगे |
विद्यालय में मनाया गया हिंदी दिवस –
विद्यालय में मनाया गया हिंदी दिवस – हम सभी जानते है भारत में प्रत्येक वर्ष 14 सितम्बर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है | इस दिन हम सभी क्षात्र हिंदी भाषा के उपलक्ष्य पर विद्यालयों में समारोह का आयोजन करते है | हिंदी भाषा हम भारतीयों की गरिमा और पहचान है |
हिंदी दिवस के दिन विद्यालयों में हम सभी क्षात्र और शिक्षकगण मिलकर हिंदी के प्रसिद्ध रचनाकर – कबीर दास , प्रेमचंद्र , रामधारी सिंह दिनकर , आमिर खुसरो , मिर्ज़ा ग़ालिब , रहीम आदि को याद करते हुए उनके तस्वीरों को माल्यार्पण भेंट चढ़ाते है | विद्यालय में हम सभी क्षात्र शिक्षकों के साथ मिलकर हमारे देश की शान प्रसिद्ध रचनाकर , कवी आदि की प्रसिद्ध कवित , दोहे तथा रचनाओं का वाचन करते है |
हिंदी दिवस के शुभ अवसर पर हम सभी विद्यार्थी मिलकर विद्यालय को सजाते है तथा हिंदी दिवस का खूब आनदं उठाते है |हिंदी दिवस के अवसर पर विद्यालयों में विभिन्न कार्यकर्मो जैसे – सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा वाद – संवाद प्रतियोगिता आदि का क्रियान्वयन किया जाता है |
आधुनिक समय में हिंदी की लोकप्रियता में कमी –
आज के आधुनिक समय में अंग्रेजी उभरता हुआ भाषा बन चूका है | आज के समय में हिंदी के प्रयोग में काफी कमी आयी है | हिंदी से प्रेम करने वाले लोग आज बड़ी समस्याओं से घिर चुके है उन्हें हिन्दीभाषी होने के कारण कॉर्पोरेट क्षेत्रों में रोजगार नहीं मिल पाता है |
यहाँ तक की किसी विशेष क्षेत्र में अच्छी खासी ज्ञान होने के बावजूद भी उन्हें रोजगार नहीं दिया जाता है ये कहकर के आप अंग्रेजी नहीं जानते है | आज के इस दौर में हिंदी भाषा का ज्ञान लोगो को रोजगार देने में निरर्थक साबित हो रही है | अब लोग हिंदी को सिखने समझने के बजाय अंग्रेजी में पढ़ना लिखना तथा अपनी सृजनात्मक क्षमता को अंग्रेजी भाषा के साथ जोर दिया है |
उपसंहार –
14 सितम्बर हिंदी दिवस लोगो को हिंदी के प्रति और ज़यादह संवेदनशील और रिश्ते को प्रगाढ़ करने का काम करती है | जहा लोग आज के सुख सुविधाओं को प्राप्त करने के लिए अंग्रेजी से अपना रिश्ता तो प्रगाढ़ कर लिया है परन्तु हिंदी भाषा के बोलने पर जो आनदं और अपनत्व का अनुभव प्राप्त होता है वो अंग्रेजी को अपना करियर बनाकर भी नहीं मिल मिल पाता है |
हिंदी भाषा हमे अपनों से जुड़ने में काफी मदद करता है | देश विदेश में कार्य करने वाले लोग आज भले ही अंग्रेजी बड़े ही तेज़ी और फर्राटे के साथ बोलते हुए ढेर सारा पैसा तो कमा पा रहा है परन्तु जब वे हिंदी भाषा का प्रयोग करते है तो उसे अपने देश की मिटटी की खुशबु मिलने लगती है उन्हें याद आने लगता है अपना देश और अपनी मिटटी जहा वे जीवन की पहली साँस खुली हवाओ में लिया था |
हम हिंदी है और हमे हिंदी और हिन्दुस्तान पर हमेशा गर्व रहेगा | हिंदी में वो शक्ति है जिस शक्ति को प्राप्त कर भारत के जाने – माने गणितज्ञ रामानुजन ने हिंदी की शक्ति से ही अमेरिका के शिक्षाविदों को हिंदी और हिंदुस्तानी का लोहा मनवा दिया |
आज अंग्रेजी का भले ही खूब महत्व हो परन्तु हम भारतीय आज भी हिंदी की शिक्षा प्राप्त कर भारत के महान साइंटिस्ट व शिक्षाविद डॉo एo पीo जेo अब्दुल कलाम ने भी अपनी शिक्षा हिंदी से ही प्राप्त कर आज दुनिया के सामने हिंदी का लोहा मनवा दिया | हिंदी भाषी लोगो को आज भले ही हम कम महत्व देते हो परन्तु इनलोगो में वो दमखम होता है जो अन्यभाषी लोगो में शायद ही देखने को मिलता है |
हिंदी भाषा बोलने वाले लाखो लोग ऐसे है जो अपनी सफलता से दुनिया को सोंचने पर मजबूर कर दिया है | परन्तु आज भी हम अपने बच्चो को अंग्रेजी शिक्षा पर अत्यधिक बल देते है जबकि अंग्रेजी शिक्षा के साथ – साथ हमे अपने बच्चो को हिंदी की शिक्षा प्राप्त करने भी अत्यधिक बल देना चाहिए जिससे हम हिंदी और अपनी संस्कृति को और अधिक उन्नत और सबल बना सकेंगे |
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