essay on parishram ka mahatva in hindi

essay on parishram ka mahatva in hindi

essay on parishram ka mahatva in hindi – परिश्रम का महत्व पर हिंदी निबंध

आज के इस निबंध के माध्यम से हम सीखेंगे परिश्रम का महत्व पर हिंदी निबंधजो परीक्षा के दृष्टिकोण से कक्षा 2 ,3 ,4 ,5 ………. 12 तक लाभप्रद और सहायक सिद्ध होने वाली है | इस निबंध के माध्यम से हमने आप की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए लघु मध्यम तथा दीर्घ ( short , medium and long essay ) परिश्रम का महत्व पर हिंदी निबंध 2021 प्रस्तुत करने जा रहे हैं आशा करता हूं आपको यह निबंध पसंद आएगा तो चलिए चलते हैं बिना समय गवाएं निबंध की ओर – 

परिश्रम का महत्व पर हिंदी निबंध – 2021 

निबंध 1 ( 100 शब्दों में ) –

परिश्रम के बिना जीवन का कोई महत्व नहीं होता है | परिश्रम ही सफलता की कुंजी होती है | परिश्रम के बल पर ही मनुष्य किसी भी सफलता को प्राप्त कर पाता है |  परिश्रम के बिना फल की कल्पना नहीं की जा सकती है | परिश्रम ही वह कुंजी है जिसे सफलता के मार्ग खुल जाते हैं | 

दुखों का बड़ा से बड़ा पहाड़ भी परिश्रम  के आगे बिखर जाता है | इस संसार में जितने भी जीव है उन्हें जीवन के लिए परिश्रम करना ही होता है |  परिश्रम के बल पर ही एक साधारण इंसान सफलता के तमाम ऊंचाइयों को प्राप्त करते हैं |

निबंध 2  ( 200 शब्दों में ) –

परिश्रम करने से एक साधारण  मनुष्य भी असाधारण बन जाता है | किसी भी सफलता का रहस्य उसके पीछे की परिश्रम में छुपा होता है |  प्रकृति के अनुसार धरती पर पाए जाने वाले जितने भी जीव है उन्हें सतत परिश्रम करना ही होता है | कहते हैं परिश्रम कभी बेकार नहीं जाती , परिश्रम का फल हमेशा मीठा होता है |

इस संसार में जितने भी महान इंसान हुए हैं उनके पीछे परिश्रम ही उनका सबसे बड़ा कला था | परिश्रम के बिना जीवन का कोई महत्व नहीं रह जाता है परिश्रम हमें पहले से और ज्यादा सशक्त और मजबूत बनाती है | परिश्रम से ही हम किसी भी परिस्थितियों में जीत हासिल करते हैं |

वेद पुराणों के अनुसार कहा जाता है परिश्रम करते जा फल की चिंता मत कर यह बातें उतनी ही सत्य है जितना कि जन्म के बाद मृत्यु क्योंकि परिश्रम के बल पर ही हम अपने जीवन की दिशा को बदल सकते हैं | परिश्रम से ही हम वह प्राप्त कर सकते हैं जिसे सिर्फ सपनों में देखा करते हैं | बिना परिश्रम हमारे सपने सच हो जाए ऐसा हो ही नहीं सकता है |

essay on parishram ka mahatva in hindi

essay on parishram ka mahatva in hindi – परिश्रम का महत्व पर हिंदी निबंध

पृथ्वी पर पाए जाने वाले जीव –  पक्षी , जानवर ,  सरीसृप आदि सभी को जीवित रहने के लिए परिश्रम करना ही होता है | एक छोटे से छोटे जीव को भी महज भोजन पाने के लिए परिश्रम करना ही होता है |

निबंध 3 (  500 शब्दों में ) –

प्रस्तावना –

कहते हैं परिश्रम कभी बेकार नहीं जाती यह बातें सत्य है क्योंकि आप जो बोते हैं वही काटते भी हैं | और आप जिन चीज़ो  पर मेहनत करते हैं वही  चीज आपके जीवन में वापस भी आती है |

और ऐसा तब हो पाता है जब आप शिद्दत से परिश्रम करते हैं ,परिश्रम करने से कभी अपने आप को गुरेज नहीं करते , भाग्य सहारे कभी नहीं बैठते बल्कि  परिश्रम के बल पर जीवन के दिशा को बदलने की भावना रखते है दरअसल वही सच्चा इंसान कहलाते हैं , वही सच्चे व्यक्तित्व कहलाते हैं और उन्ही की दुनिया में खूब नाम होते हैं |

परिश्रम का फल –

ऐसा कहा जाता है कि परिश्रम कभी व्यर्थ नहीं जाती परिश्रम करने वाले को भले ही देर से मिलता है परंतु मिलता जरूर है|  और जब मिलता है तो उनका फल बहुत मीठा होता है | दरअसल इन का आशय इस बात से है जब हम मेहनत गलत  दिशा में करने लगते हैं तो उनका  फल हमें तात्कालिक मीठा लगता है और  बाद में हमें पश्चाताप के आग में जलना भी होता है |

  परंतु जब हम सही मार्ग को चुनते हैं तो मार्ग भले ही कठिन हो हमारे लिए परंतु उसका फल हमेशा मीठा होता है फिर हमें जीवन में कभी पश्चाताप नहीं करना पड़ता है |

परिश्रम करने के बगैर मनुष्य खुद को नहीं समझ पाता है परंतु जब वह मेहनत की आग में कूद जाता है तो फिर अपनी क्षमताओं को भलीभांति समझ भी लेता है | और फिर वही व्यक्ति जीवन में सफलताओं के मंजिल  को प्राप्त करने लग जाते हैं फिर उनका जीवन सुखदाई हो जाता है |

उपसंहार –

परिश्रम  हर कीमत पर हमें सफलता जरूर दिलाती है परंतु यह तब सार्थक हो पाता है जब हमारा परिश्रम सही दिशा में होता है बजाय इसके हमारा मेहनत गलत दिशा में अगर हो तो हमें सफलता नहीं मिलती है | परिश्रम करने से पहले हमें भली-भांति समझ लेना चाहिए कि कौन से मार्ग हमें सफलता तक पहुंचाने में मददगार साबित होंगे हम चीजों को समझे बगैर ही परिश्रम करने में लग जाते हैं और समय निकल जाने के बाद हमें सफलता नहीं मिलती है और तब हम निराश हो जाते हैं |

essay on parishram ka mahatva in hindi – परिश्रम का महत्व पर हिंदी निबंध

सिर्फ शारीरिक मेहनत करने से हमें सफलता नहीं मिल जाती सफलता प्राप्त करने के लिए हमें हमारे मन और हृदय को भली – भाँती  खुली रखनी होती है ताकि हम चीजों को भलीभांति स्पष्ट रूप से समझ सके और फिर उस दिशा में सही मार्गदर्शन प्राप्त कर सफलता अर्जित कर सके |

आज के बढ़ते आधुनिक दौड़ में सिर्फ शारीरिक मेहनत करने से सफलता हाथ नहीं लगती हमें हमारे कार्यो को विलक्षण तरीके से करना होता है तब जाकर हमें सफलता जरूर मिलती है | हमे परिश्रम फल की चिंता किये बगैर करते रहनी चाहिए जिससे हमे एक दिन सफलता जरूर मिल जाती है |

निबंध 4 ( 1000 शब्दों में ) –

भूमिका –

मनुष्य के भीतर अमर्यादित शक्ति है परंतु उस शक्ति को परिश्रम से ही पहचाना या परखा जा सकता है क्योंकि संसार में अधिकतर इंसान अपनी शक्ति का मर्यादित उपयोग ही करते हैं क्योंकि वे आलस्य का शिकार होते है | उन्हें अपनी क्षमताओं का आभास नहीं होता है संसार में आज कितने ही लोग हैं जो असफल है क्योंकि वहआलस्य  से का चादर ओढ़े हुए और उन से बाहर निकलकर परिश्रम का रास्ता नहीं अपनाते हैं |

इसलिए जीवन में बड़ा नहीं कर पाते परंतु जिन मनुष्य के अंदर परिश्रम का पहाड़ होता है जीवन के किसी भी परिस्थितियों में स्वयं को सफल बना ही देते है | परिश्रम करने वालों के पास कोई बहाना नहीं होता परंतु वही आलस्य में पड़े रहने वालों के पास कई सारे बहाने होते है |

 

और बहाने बनाकर सफलता प्राप्त नहीं किया जा सकता सफलता प्राप्त करने के लिए हर कीमत आपको चुकाना ही होता है वैसे ही आदमी जीवन में सफल भी हो जाते हैं जिसके पास परिश्रम का अपारशक्ति मौजूद होता है |

परिश्रम का महत्व –

परिश्रम ही मनुष्य को सफलता के शिखर तक पहुँचता है |  अगर इंसान परिश्रम ना करें तो उसका जीवन दुर्लभ हो जाएगा किसी भी इंसान का जीवन अच्छा है या बुरा यह उसके परिश्रम पर निर्भर करता है | अधिक परिश्रम करने वाले व्यक्ति जीवन में सफल और सुखी रहते हैं तथा दूसरी ओर वे व्यक्ति  जो जीवन में परिश्रम से डरते हैं आलस्य को अपना साथी  मानते हैं वे जीवन में असफल होते हैं और दुखी रह जाते हैं| 

मनुष्य आज दुनिया में कई ऊंचाइयों को छू लिया है  इसका श्रेय उनकी परिश्रम को ही जाता है | लगातार परिश्रम के बल पर इंसान धरती से चांद तक तथा अन्य ग्रहों तक की यात्रा भी की है तथा अनगिनत उपलब्धिया अपने नाम किया है | दुनिया में आज जो भी उपलब्धियां और सफलताएं हैं वे सभी परिश्रम के बल पर ही संभव हो पाया बिना परिश्रम किए हमारे मुंह में भोजन तक नहीं जा सकता तो जीवन में हम सफलता के शिखर को बिना परिश्रम के कैसे प्राप्त कर सकते हैं|

परिश्रम ही हमारा साथी होता है जो दुख के समय में हमें बाहर निकालने का एक माध्यम बन जाता है | एक छोटा जीव भी परिश्रम के बल पर ही बड़े से बड़े कार्य कर जाते हैं अर्थात परिश्रम ही हमारा वह साथी है जो दुख से बाहर निकालने में मदद करता है |

परिश्रम के लाभ –

कहते हैं परिश्रम करने वाले मनुष्य हमेशा स्वस्थ रहते हैं | परिश्रम करने से हमारे अंदर एक अलग ही शक्ति का संचार होता है जिस शक्ति से हम किसी भी मंजिल तक रास्ता तय कर लेते हैं | परिश्रमी मनुष्य अन्य अवसाद जैसे – उदासीनता ,खिन्नता आदि के शिकार नहीं होते क्योंकि परिश्रम करने से हमारा मस्तिष्क नकारात्मक बातों पर ध्यान आकृष्ट नहीं करता तथा अपने कार्य के ऊपर पूरा ध्यान रख पाना संभव हो पाता है |

इसलिए परिश्रमी इंसान हमेशा सुखी और समृद्ध रहते हैं परंतु वहीं दूसरी ओर आलस्य में गिरे लोग चिंता ,उदासी ,खिन्नता आदि का शिकार आसानी से हो जाते हैं | परिश्रम करने से एक निर्धन इंसान भी धनवान बन जाता है | परिश्रम से मनुष्य अपने सपने को को पूर्ण कर पाता है | परिश्रमी इंसान हर जगह हर पूजे जाते हैं | परिश्रम ही मनुष्य की पहचान होती है | परिश्रम के कारण ही मनुष्य की पूजा अर्चना की जाती है |

परिश्रम हि हमारा भाग्य –

भाग्य पर सब कुछ छोड़ देने वाले लोग जीवन में सफल नहीं होते मनुष्य का परिश्रम ही उनका भाग्य तय करता है | एक वह व्यक्ति जो भाग्य के भरोसे जीवन व्यतीत करते हैं वे जीवन में असफल और दुखी रहते हैं | वहीं दूसरी ओर जो परिश्रम में विश्वास करते हैं उनका जीवन सफल और सुखमय  हो जाता है क्योंकि इंसान का जीवन परिश्रम से ही  बदलता है | 

essay on parishram ka mahatva in hindi – परिश्रम का महत्व पर हिंदी निबंध

भाग्य के भरोसे बैठने से कुछ भी नहीं बदलता परिश्रम ही हमें हमारी लक्ष्य तक पहुँचाती  है | अर्थात हमारे भाग्य में जो नहीं है हम परिश्रम के बल पर अपने भाग्य में वह चीज प्राप्त कर सकते हैं |  संसार में कई ऐसे महापुरुष  है जिन के पास कोई भाग्य या कोई सुविधा , संसाधन पर्याप्त नहीं था| परंतु आज वह संसार में अपने परिश्रम के बल पर ही महान इंसान बने |

आज इस संसार में कितने ही सारे लोग हैं जो भाग्य के भरोसे अपना जीवन व्यर्थ कर देते हैं परंतु यह जीवन की सच्चाई नहीं है हमारा जीवन तभी उज्जवल हो सकता है जब हम परिश्रम का पहाड़ अपने सीने के अंतर आत्मसात कर ले फिर मनुष्य असाधारण काम कर जाता है जिसकी वह कभी कल्पना भी नहीं करता |

इस संसार में भाग्य  नाम की कोई चीज नहीं होती आज जो भी जहां  है वह सिर्फ और सिर्फ अपनी  परिश्रम और मेहनत के बल पर ही है| अब हमें भाग्य के भरोसे ना बैठकर परिश्रम के लिए तैयार रहना चाहिए तब जाकर हम अपनी सफलता सुनिश्चित कर सकते हैं | परिश्रमी इंसान को उनका भाग्य पराजित भी करना  चाहे फिर भी वह विजेता ही होता है |

उपसंहार –

परिश्रमी मनुष्य कभी निराश नहीं होते बल्कि वे निराशाजनक स्थिति में स्वयं को सफल बनाने का प्रयत्न करते हैं | इसलिए हम सभी मनुष्यों को परिश्रम करने की आदत डाल लेनी चाहिए क्योंकि आलस्य ही हमारा सबसे बड़ा शत्रु होता है |  जब हम मेहनत से डरते हैं तो इसका यह अर्थ होता है कि हम आलस्य के गुलाम हो चुके हमें आलस्य का त्याग करके परिश्रम करने के लिए तत्पर और दृढ रहने चाहिए | 

हमें अपने बच्चों को परिश्रमी बनने के लिए हमेशा प्रेरित करना चाहिए क्योंकि परिश्रम के बिना एक सफल जीवन का कल्पना करना मूर्खतापूर्ण हैं | परंतु समाज में आज लोगों में बेरोजगारी की धारणा गढ़ कर गई है परंतु यह सत्य नहीं है हम अगर परिश्रम करना सीख जाए तो हमें हर वक्त रोजगार के अवसर मिलेंगे |

और सफलता को हम प्राप्त कर लेंगे जो लोग बेरोजगारी का रोना रोते हैं दरअसल वही लोग मेहनत से दूर भागते हैं अर्थात अपना रिश्ता आलस्य  से प्रगाढ़ कर बैठे हैं इसलिए हमें अपने बच्चों को हमेशा मेहनत करने के लिए प्रेरित करना चाहिए ताकि वे जीवन के कठिन परिस्थितियों में भी सफलता के मार्ग तक पहुंच सकें |

परिश्रम कभी न कभी हमे फल अवश्य प्रदान करता है | परिश्रम से ही मनुष्य उन शक्तियों को प्राप्त कर लेता है जो किसी की कल्पना से भी बड़ी होती है |  

इस लेख को प्यार देने के  शुक्रिया !

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