Essay on Summer Season in Hindi For Students

essay on summer season in hindi

essay on summer season in hindi – ग्रीष्म ऋतू पर हिंदी निबंध

आज के इस लेख के माध्यम से हम सीखेंगे ग्रीष्म ऋतू पर हिंदी निबंध जो परीक्षा की दृष्टिकोण से कक्षा 2 , 3 , 4 ……..12 तक सभी विद्यार्थियों के लिए लाभप्रद और सहायक सिद्ध होने वाली है | इस लेख में हमने आपकी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए ग्रीष्म ऋतू पर हिंदी निबंध लघु , मध्यम तथा दीर्घ ( short , medium and long essay )  प्रस्तुतु किये जा रहे है | आशा करता हूँ आपको पसंद आएगा तो चलिए चलते है निबंध की ओर – 

ग्रीष्म ऋतू पर हिंदी निबंध – 2021

निबंध 1 ( 200 शब्दों में ) – 

ग्रीष्म ऋतू भारत की एक लोकप्रिय ऋतुओं में गिने जाते है | इस ऋतू में तापमान काफी उच्च रहता है लेकिन यह ऋतू लोगो के उत्साह को भी बढ़ा देता है | गर्मी के मौसम में ही लोग घरों से बाहर निकलकर किसी भी कार्य को सरलता से कर पाते है | भारत में गर्मीं की शुरुआत पूर्णतया अप्रैल से शुरू हो जाती  है और जुलाई तक यह कम हो जाती है |

अन्य ऋतुओ की तुलना में गर्मी ऋतू में लोग खूब आनंद उठाते है जैसे – शादी विवाह ,  स्विमिंग का मजा , ताजे फलों के जूस का सेवन , घूमने के लिए निकलना , बच्चो को खेल – खुद , आइस क्रीम खाना आदि का मज़ा गर्मी के मौसम में ही मिल पाता है | गर्मी के मौसम में किसी ख़ास पोषक की भी जरुरत नहीं होती है |

इस ऋतू में गरीब , आमिर सभी वर्ग के लोग आसानी से समय काट पाते है | इस मौसम में लोग किसी भी स्थान पर सो जाते है उन्हें किसी विशेष सुविधा की जरुरत नहीं परती है | गर्मी के मौसम में लोग अपना व्यापार आदि भी खूब अच्छे ढंग से चला लेते है | गर्मी के मौसम में गर्म हवा चलता रहता है |

निबंध 2 ( 400 शब्दों में ) –

भूमिका –

भारत में पाए जाने वाले छः ऋतुओं में से ग्रीष्म ऋतु उन में से एक है | भारत में यह अप्रैल से जुलाई तक रहती है | सूर्य का पृथ्वी के अत्यधिक नजदीक हो जाने के कारण इस ऋतू का आगमन हो जाता है | इस ऋतू में विभिन्न फल आम , जामुन, लीची ,पपीता आदि रसदार फल पकते है जिसका सेवन कर हम लोग खूब आनंद उठाते है |

essay on summer season in hindi

essay on summer season in hindi – ग्रीष्म ऋतू पर हिंदी निबंध

ग्रीष्म ऋतू प्रायः तापमान अधिक हो जाता है और शहर में यह तापमान और अधिक हो जाता है जबकि गावों में पेड़ – पौधों के कारन बहने वाली हवा सुहावनी भी लगती है |

मौसम के गर्म होने के कारण –

भारत में प्रायः आधी मार्च के बाद से आधी जून तक के समय को ग्रीष्म माना जाता है इस समयांतर में सूर्य भूमध्य रेखा से कर्क रेखा को और बढ़ने लगती है जिससे तापमान में वृद्धि होने लगती है |

सूर्य का कर्क रेखा की ओर बढ़ने से तापमान  का अधिकतम बिंदु भी दक्षिण से उत्तर की ओर बढ़ने लगता है और मई के अंतिम समय में यह उत्तर – पश्चिम की दिशा में लगभग 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच जाता है | भारत में गुजरात और राजस्थान जैसे प्रदेश में तापमान सबसे अधिक हो जाता है तथा इन क्षेत्रों में दोपहर के समय में एक गर्म हवा चलती है जिसे हम ” लू ” के नाम से जानते है |

उपसंहार –

ग्रीष्म ऋतू के आते ही लोगो में ख़ुशी का माहौल बन जाता है | इस मौसम के आते ही सभी फल और अनाज पकना शुरू कर देते है जिससे हमे काफी फायदा होता है | ग्रीष्म के आते ही वर्षा भी अत्यधिक मात्रा में होने लगती है जिससे फसल , पेड़ – पौधे , जानवर आदि सभी खुश हो जाते है परन्तु दूसरी और इस ऋतू में लोग , जानवर , पक्षी , जिव – जंतु आदि को स्वस्थ्य सम्बन्धी समस्याओं का सामना करना परता है |

ग्रीष्म ऋतू में वस्तुएँ अत्यधिक खराब होने का खतरा भी रहता है | ग्रीष्म ऋतू में एक आम समस्या देखने को मिलती है – पानी की किल्लत | इस ऋतू में भूमिगत जल का स्तर निचे चला जाता है जिससे अत्यधिक मात्रा हैंडपंप , कुँआ , तालाब आदि सूखने लगते है जिससे पानी की किल्लत का हमे सामना करना पड़ता है |

पानी की किल्लत का दुष्परिणाम हमे देखने को मिलता है अनेक जिव – जंतु ( मैना , गगुला , मछली ) , किट – पतंग ( रिंगवर्म, केंकरा , ) आदि मर जाते है तथा फसल आदि गर्मी के कारण झुलस जाते है | गर्मी के कारण लोगो में अपच, पेचिस , मुँह आना , दाद ,खाज , खुजली आदि जैसे रोगो से लोग प्रभावित होने लगते है |

निबंध 3 ( 600 शब्दों में ) –

प्रस्तावना

ग्रीष्म ऋतू वर्ष में प्रत्येक बार आता है | यह भारत में अप्रैल से जुलाई महीने तक रहता है | इस ऋतू में अनाज , फल जैसे – ,आम  कटहल , जामुन , पपीता आदि पकते है | गर्मी आने से लोगो में उत्साह का प्रवाह होता है | गर्मी में तापमान अत्यधिक हो जाता है | गर्मी के आते ही पानी की किल्लत का सामना करना परता है |

ग्रीष्म ऋतू में हम सभी लोग गर्मी से परेशान रहते है | गर्मी के मौसम में हमारा शरीर पसीने से भीग जाता है | गर्मी के मौसम में सुबह – सबेरे से इतनी अत्यधिक धुप रहती है जिसे लोग सहन नहीं कर पाते है और दिन ढलने के साथ – साथ तापमान बढ़ता जाता है | गर्मी में बहने वाली हवा भी काफी गर्म होती है जिससे अनुभूति करने बड़ा ही खराब अनुभव होता है |

इस ऋतू में पृथ्वी के भीतर से अत्यंत जहरीले जिव बाहर निकल आते है जिससे हम इंसानो को काफी हानि का भी सामना करना परता है | ग्रीष्म ऋतू में कभी – कभी तेज आँधी जैसी हवाएँ चलने लगती है जिससे आग लगने की समस्या उत्पन्न हो जाती है |

द फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया के अनुसार भारत में 49 प्रतिशत जंगलो में आग का खतरा है इस आग से जंगल के आस – पास वाले इलाके भी आग की चपेट में आ जाते है और ऐसा ग्रीष्म ऋतू में आयी आँधी के कारण घटित होता है |

 

ग्रीष्म ऋतू के लाभ –

1 . ग्रीष्म ऋतू के आने से लोग सुखद महसूस करते है |

2 . इस ऋतू में फल , अनाज आदि पकने शुरू हो जाते है |

3 . इस ऋतू में जीवन – यापन के लिए कोई ख़ास परिवेश या साधन की आवश्यकता नहीं होती है |

4 . ग्रीष्म ऋतू में हमे पर्यटन के लिए भी अवसर प्राप्त होता है |

5 . ग्रीष्म ऋतू में कभी – कभी अतयधिक बारिश की संभावना भी होती है |

ग्रीष्म ऋतू से होने वाले हानियाँ –

1 . ग्रीष्म ऋतू में गर्मी से जीवन एक ओर कठिन भी हो जाता है |

2 . इस ऋतू में पानी की समस्या बढ़ जाती है जिससे पक्षी , जिव – जंतु आदि मर भी जाते है |

3 . ग्रीष्म ऋतू में सूर्य की किरणे अत्यधिक गर्म रहती है जिससे हमे त्वचा से सम्बंधित रोग – दाद ,खाज , खुजली आदि का सामना करना परता है |

4 . इस ऋतू में अत्यधिक वर्षा हो जाने से बाढ़ की भी समस्या उत्पन्न हो जाती है जिससे महामारी जैसी बिमारी का जन्म होता है |

5 . ग्रीष्म ऋतू में पृथ्वी से निकलने वाले हानिकारक जिव जैसे – साँप आदि के निकलने से इंसानो की काफी क्षति होती है |

निष्कर्ष –

ग्रीष्म ऋतू  हमारे लिए लाभदायक होने के साथ – साथ हानिकारक भी होती है |एक रिकॉर्ड के मुताबिक़ बात सामने आयी है की वर्ष 2015 में भीषण गर्मी ने पिछले 135 सालों के रिकॉर्ड तोड़ दिए है | जहाँ दिल्ली , तेलंगाना , गुजरात आदि जगहों में 50 के आसपास डिग्री तापमान सिर्फ और सिर्फ अप्रैल के महीने में ही दर्ज़ किये गए थे | 

essay on summer season in hindi – ग्रीष्म ऋतू पर हिंदी निबंध

 ग्रीष्म ऋतू में तापमान अत्यधिक उच्च होने के कारण वर्षा अत्यधिक मात्रा में होने लगती है जिससे देश के कुछ राज्य – बिहार  , असम , पश्चिम बंगाल आदि बाढ़ से काफी प्रभावित हो जाते है तथा यहाँ जान – माल की काफी क्षति भी हो जाती है | ग्रीष्म ऋतू में जहाँ फल – फूल आदि पकने लगते है वही अत्यधिक गर्मी के कारण भोज्य पदार्थ खराब भी होने लगती है |

 

ग्रीष्म ऋतू में जहाँ हमे विभिन्न फलो आदि का सेवन और मनोरंजन करने का अवसर देता है वही दूसरी ओर हम गर्मी से परेशान होकर रोगग्रस्त भी हो जाते है | ग्रीष्म ऋतू में सूखाग्रस्त होने के कारण पृथ्वी में दरार आ जाती है जिससे पृथ्वी में पाए जाने कीड़े आदि मर जाते है जो पृथ्वी की उपजाव के लिए आवश्यक माने जाते है |

निबंध 4 ( 800 शब्दों में ) –

प्रस्तावना –

भारत में कुल छः ऋतुएँ निवास करती है जिसमे ग्रीष्म ऋतू भी एक है | यह ऋतू भारत में प्रायः मार्च – अप्रैल के महीने से  प्रारम्भ हो जाती है | सूर्य की भूमध्य रेखा से कर्क रेखा की ओर आगमन करने के कारण ऐसा होता है | सूर्य का पृथ्वी  के अत्यधिक नजदीक आने के कारण तापमान में वृद्धि शुरू हो जाती है तथा सम्पूर्ण देश में तापमान बढ़ने लगता है |

इस ऋतू में विभिन्न फल , अनाज आदि परिपक्व होना शुरू हो जाते है | इस ऋतू में सर्वाधिक गर्म वाला स्थान राजस्थान तथा गुजरात माना जाता है | राजस्थान एक मरुस्थलीय क्षेत्र है जहा की जलवायु गर्म होती है और ग्रीष्म ऋतू में तापमान सबसे अधिक 50 डिग्री तक हो जाता है |

पेड़ – पौधों पर लगे फल ग्रीष्म ऋतू में ही अत्यधिक गर्म तापमान के कारण  परिपक्व हो पाते है जैसे – आम , लीची , जामुन , अमरूद , तारबूज आदि फल जो हमे खूब आन्दन्दित कर देता है ये सभी गर्म तापमान के कारण ही तैयार हो पाते है |

गर्मी से बचने के कुछ उपाय –

गर्मी में अत्यधिक तापमान बढ़ने के कारण लोग असहज मसहूस करते है | गर्मी हमारे लिए सुखदायी होने के साथ दुखदायी भी होता है | आमतौर पर गर्मी के मौसम में गरीब या किसान , मजदूर लोग अत्यधिक सुविधा मुहैया न करने के कारण गर्मी से अत्यधिक पीड़ित महसूस करते है वही अमीर लोग अथवा आर्थिक दृष्टिकोण से समृद्ध लोग गर्मी से होने वाली समस्याओं का काम ही सामना करते है क्योंकि उनके पास गर्मी से राहत पाने के लिए अनेक तकनीकी सुविधा होती है जिससे वे गर्मी से सरलता से निपट लेते है जबकि गरीब तबकों के साथ ऐसा नहीं होता है उन्हें जद्दोजहद करनी होती है | यहाँ हम आपको कुछ उपाय पेश करने जा रहे है जिससे आप गर्मी के मौसम में सहज महसूस करेंगे जो निम्नलिखित है –

1 . गर्मी में हमे स्नान प्रायः एक निश्चित समय पर प्रतिदिन कर लेना चाहिये |

2 . गर्मी के दिनों में हमे हलके वस्त्र और सूती के प्रयोग पर बल देना चाहिए | 

3 . गर्मी के मौसम में हमे भोजन आवश्यकता अनुसार ग्रहण करना चाहिए | 

4 . ग्रीष्म ऋतू में हमे ठन्डे भोज्य पदार्थो – तरबूज़ , खीरा , निम्बू आदि जैसे का सेवन करना चाहिए | 

5 . ग्रीष्म ऋतू में धुप में अधिक समय व्यतीत करने से बचे | 

6 . हमे गर्मी से बचने की लिए पेड़ – पौधे अत्यधिक मात्रा में लगाने चाहिए | 

7 . गर्मी में हमे पानी का अतयधिक सेवन करना चाहिए | 

8 . गर्मी में हीटस्ट्रोक से बचने के लिए हमे सावधानियाँ अपनानी चाहिए | 

9 . गर्मी में छुट्टी बिताने के लिए पहाड़ी ठन्डे इलाको में जाना चाहिए |

 10 . गर्मी के मौसम में पानी की बचत करनी चाहिए | 

ग्रीष्म ऋतू में ग्रामीण जीवन – 

भारत गावों वाला देश कहा जाता है , यहाँ की आधे से अधिक आबादी गाओं में निवास करती है | ग्रीष्म ऋतू में दरअसल गाँव का जीवन बहुत ही रोमांचक लगता है यहाँ शहर की तरह सुविधाएँ प्राप्त नहीं है | यहाँ ग्रीष्म ऋतू में लोग बिजली के पंखे का प्रयोग करते है और ये भी पंखे गर्म हवा के कारण गर्म हवा ही उत्सर्जित करते है जिससे और जीवन मुहाल हो जाता है |

essay on summer season in hindi – ग्रीष्म ऋतू पर हिंदी निबंध

आये दिन गावों में बिजली कटती रहती है जिससे यहाँ बिजली के पँखो का हवा भी मिलना दूभर हो जाता है | गाँव में ग्रीष्म ऋतू में लोग आम के बगीचे में भी रहना अधिक पसंद करते है क्योंकि वह पेड़ों के कारण ठंडी और स्वच्छ हवा मिलती है जिससे हमे आनंद मिलता है | अत्यधिक गर्मी पड़ने पर गाँव के लोग रातों को खुली आसमान में सो जाते है ना की शहर की तरह वातानुकूलित कमरे में आराम का नींद फरमाये | 

ग्रीष्म ऋतू में विद्यार्थी का जीवन – 

ग्रीष्म ऋतू में अत्यधिक गर्मी पड़ने पर स्कूल , कॉलेज , शिक्षण – संस्थान आदि में कुछ दिनों की छुट्टी हो जाती है | छुट्टी के दौरान हम विद्यार्थी अपने रिस्तेदार या किसी पर्यटन स्थल घूमने के लिए निकल जाते है | ग्रीष्म ऋतू में गाव के बच्चे बगीचे – खलिहानो में आम आदि फलो का सेवन व रक्षा करते हुए भी बिताते है |

इस ऋतू में गाँव की बगीचे में बिलकुल शांत वातावरण होता है क्योंकि हवा की शरशराहट बिलकुल नगण्य व धीमी होती है , तापमान अत्यधिक होता है और पेड़ पर पके लटके फल से खूब आनंदित हो उठता है मन |

ग्रीष्म ऋतू के दौरान विद्यार्थी शहर के चिड़ियाघरों , पार्क आदि में घूमकर खूब आनंद उठाते है वही गाँव के बच्चे अपना समय खेत – खलिहानो और प्रकृति के साथ बिताते हुए गर्मी का मौसम का आनंद लेते है | 

उपसंहार – 

ग्रीष्म ऋतू हमारे लिए एक उपहार की तरह होती है क्योंकि हम सभी लोग शर्दी के कारण परेशान हो जाते है तब आकर गर्मी हमे घुले में घूमने और स्वतंत्र रूप से रहने का अवसर प्रदान करता है और जैसे ही समय बीतता जाता है हमे गर्मी से परेशान होने लगते है और हमारा मन उदास होने लगता है |

शरद ऋतू से परेशान होकर जब हम ग्रीष्म में प्रवेश करते है तो हमे बहुत आनंद आता है परन्तु जब इसके भीषण रूप से परिचित होते है तो हमे फिर इस ऋतू से नफरत होने लगता है अर्थात यह हमारे लिए लाभदायक होने के साथ हमारे लिए मुसीबत भी बन जाता है |

आखिरकार यह एक अच्छा ऋतू होता है क्योंकि इसमें गरीब और अक्षम लोग भी आसानी से जीवित रह जाते है वही शरद ऋतू में गरीब और बेसहारा लोग ठण्ड के कारण मारे भी जाते है अर्थात जिस ऋतू में हम सभी वर्ग के लोग जीवन – यापन कर सके मेरे अनुसार वही सबसे ऋतू माना जाता है | 

इस लेख को प्यार देने के लिए आपका शुक्रिया ! 

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