Hindi Essay on Independence Day For Students

आज के इस लेख के माध्यम से हम लोग एक महत्वपूर्ण चीज़ो को समझेंगे और सीखेंगे जिससे कक्षा 2 ,3 ,4 ……12 तक के विद्यार्थियों और प्रतियोगिता परीक्षाओ की तयारी के लिए काफी लाभप्रद होने वाली है तो चलिए चलते है आज हमलोग HINDI ESSAY ON INDEPENDENCE DAY को विस्तारपूर्वक सिखने का प्रयास करते है —

HINDI ESSAY ON INDEPENDENCE DAY – स्वतंत्रता दिवस पर हिंदी निबंध 2023 

स्वतंत्रता दिवस पर हिंदी निबंध –

हमारा देश लगभग दो सौ वर्षो तक अंग्रेज़ों का गुलाम बना रहा  और अंतया कई वर्षो के संघर्ष के बाद 15 अगस्त 1947 को अंग्रेज़ो के चंगुल से  आज़ाद हो गया | ये आज़ादी हमे ऐसे ही नहीं मिली है कितने ही वीर सपूतो के रक्त तथा कितनी ही वीरांगनों की माँगो के सिंदूर उजर गए तब जाकर ये आज़ादी हमे मिली है | कितने ही माँओ की गोद सुनी हो गयी , कितने ही बच्चे अनाथ हो गए और कितनी ही बहने विधवा हो गयी इतनी अधिक कुर्बानियो के बावजूद ही हमे स्वतंत्रता की प्राप्ति हुई है | भारतीय स्वतंत्रता में  विभिन्न वर्ग के लोग शामिल थे जिनमे किसान , मजदूर, गरीब, लाचार , कुम्हार , हलवाहे साथ में व्यापारी , दूकानदार इत्यादि वर्ग के लोग भी शामिल हो गए | देश की सभी औरतें , बच्चे , बूढ़े , जवान लगभग सभी लोगो ने मिलकर इस आंदोलन को उग्र रूप में बदल दिया जिससे अँगरेज़ भी कांपने लगे और फिर हमारा देश स्वतंत्र हो गया और हम दासता के जंजीर से स्वयं को आज़ाद कर लिए |

 

यह भारत का राष्ट्रीय त्यौहार है | इसे हम लोग बड़े ही धूम – धाम से मानते है |  पुरे देश में राष्ट्रीय – छुट्टी का प्रावधान है | हम सभी लोग अपने कामो से मुक्त होकर इस दिन झंडा फ़रहाने का कार्य करते है | और फिर कुछ मीठे खाद्य – पदार्थो को आहार के रूप में सेवन भी करते है | भारत में रहने वाले सभी धर्म के लोगो का यह त्यौहार है और सभी लोग एक ध्वज के निचे हमलोग इकठ्ठे होकर इसे सम्मान और आदर प्रदान करते है | इस दिन हम सभी भारतवासियो को बहुत अधिक गर्व होता है | 

HINDI ESSAY ON INDEPENDENCE DAY – स्वतंत्रता दिवस पर हिंदी निबंध          

hindi essay on independence day

प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त के दिन हमारे देश के प्रधानमंत्री देश के लालकिला के प्राचीर से झंडा फहराकर सम्बोधन करने का कार्य करते है | 15 अगस्त 1947 को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं० जवाहरलाल नेहरू ने  स्वतंत्रता के प्रथम वर्ष के रूप में  दिल्ली में लाहोरी गेट के ऊपर भारतीय ध्वज को लहराया और देश को सम्बोधन किया था | तब से ही हम लोग प्रत्येक वर्ष स्वतंत्रता के दिन की बड़े ही धूम – धाम से मानते है | और अपने सहीदो को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते है और गौरवान्वित महसूस करते है |

 

देश की आज़ादी में हमारे देश के कई वीर सपूत जैसे – महात्मा गाँधी , पंडित जवाहर लाल नेहरू , सुभाष चंद्र बोष , भगत सिंह , मौलाना आज़ाद, अस्फाकुल्लाह , चद्रशेखर आज़ाद और न जाने कितने छिपे हुए शहीद भाइयो के वजह से ही आज हम लोग चाय और सुकून का साँस ले पाने में कामयाब हो सके | और आज स्वतंत्र जीवन जी पा रहे है |

 

महात्मा गाँधी के प्रयासों से बहुत सारे भारतीयों ने अहिंसक आंदोलन में भाग लेना शुरू कर दिया था और इसके पश्चात सविनय अवज्ञा आंदोलन में भी भाग लेना शुरू कर दिए थे | जिसका मुख्य उद्देश्य था – अंग्रेज़ो को अहिंसा के साथ उन्हें भारत छोड़ने पर मजबूर किया जाये | वही कुछ वीर सपूत ऐसे भी थे जो ये विचारधारा में विश्वास रखते थे की उन्हें उन्ही के शब्दों में उन्हें भारत छोड़ने पर मजबूर किया जा सकता इसका तात्पर्य ये था के अँगरेज़ हिंसा और आंदोलन किये बीन देश नहीं छोर सकता और इस तरह क्रन्तिकरियो ने अपना गरम दाल का नेतृत्व किया | और ये दाल अहिंसक विचारधारा वाले संगठनों से भारत को आज़ाद करने में अत्यधिक लोकप्रिय हुआ |

 

15 अगस्त के दिन हमारे देश में इस पर्व को मनाने के लिए लोग बिभिन्न कार्यकर्मो का आयोजन करते है | कही किसी विद्यालयों में छात्र – छात्रों के द्वारा शहीदों की याद में नाट्य कला प्रस्तुत किया जरा है तो कही किसी जगह पर कुछ लोग राष्ट्रीय गीतों को सुनते हुए दिखाई देते है तो कही बच्चे अपने ध्वज के साथ लहलहाते हुए खेल प्रतियोगिता में भाग लेते हुए दिखाई देते है | हमारे देश के सेनाओ के द्वारा दिल्ली के लालकिले में परेड तथा नाट्य कलाओ का पुनरुद्धार किया जाता है तो कभी हवाई मार्ग के द्वारा तिरंगे को रंग भरने वाला कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा होता है | हमारी सभ्यता और संस्कृति पुरे विश्व में एक धरोहर की तरह मानी जाती है | इस दिन बिभिन्न संस्कृतियो और सभयता के लोग अलग – अलग तरह से अपने अपने अंदाज़ में इस राष्ट्रीय पर्व को गौरवान्वित ढंग से मानते है |

 

भारत में विभिन्न संस्कृति और परम्पराओ के मानने वाले लोग मौजूद है | हमारी संस्कृति संसार के अन्य संस्कृतियों से अपना स्थान ऊपर रखता है | हमारा देश अतिथियों की सेवा – सत्कार के लिए तथा अपनी गरिमा के लिए गर्वान्वित करती है | हमारे देश में लोक- लज़्ज़ा की तथा सेवा – सत्कार की विदेशी भी प्रशंसक रहे है | हमारे देश की स्वतंत्रता – संग्राम की लड़ाई में एक चोर से हिन्दू धर्म के लोग अपना मशाल लेकर इस लड़ाई का शंकनाद करते हुए दिखाई दे रहे थे तो वही दूसरी ओर से मुस्लिम भाइयो ने अपनी परचम लहराते हुए इस आंदोलन का आगाज़ कर रहे थे तो कही अन्य छोर से सिख भाई तथा ईसाई भाइयो ने इसका आह्वान किया | इस लड़ाई को हम हिंदुस्तान उस  समय ही जीत चुके थे जिस समय हम एक साथ हो गए थे | हमलोगो ने बस दुश्मनो को अपनी एकता से धूल चटा दी और अपनी आज़ादी छीन ली |

 

हम भारतवाशियों ने दुनिया को “ अनेकता में एकता ”   की शक्ति से एक मजबूत उदाहरण स्थापित करने का अवसर भी प्रदान किया | उन्हें अपनी विभिन्न संस्कृतियों तथा विभिन्न सभय्ताओ से आने के बावजूद भी हम अपनी एकता को स्वतंत्रता- संग्राम के दौरान सिद्ध कर दिखाया की हम भारत वाशियो के पास दुनिया की सबसे बड़ी गरिमा है |

 

स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात हमारे देशवाशियो ने अब अपना – अपना हक़ मांगना शुरू कर दिया | जिसमे धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यधिक बल दिया गया अर्थात स्वतंत्रता – संग्राम में धार्मिक दृस्टिकोण से हिन्दू तथा मुस्लिम धर्म के अत्यधिक व्यक्तियों ने भाग लिया हुआ था इसलिये ये दोनों धर्म की  संख्या भी अन्य धर्म के लोगो से  अत्यधिक  थी | इस कारन हमारा देश अब धार्मिक मान्यताओं के आधार दो हिस्सों में बिभक्त हो गया – भारत तथा पाकिस्तान | अब कई सरे मुस्लिम लोग पाकिस्तान का रुख करना शुरू कर दिया तथा कई मुस्लमान और हिन्दू वर्ग के लोग हिंदुस्तान में ही रहने लगा गए | और इस तरह से स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात हमारा देश दो भागो में विभग्त हो गया |

 

अब हम भारतवाशियो को अपनी गरिमा और संस्कृति को और अधिक उन्नत और विकसित बनाने के लिए हमें  और अधिक एकजुट होकर कार्य करना होगा जिससे हम दुनिया में  अपना कीर्तिमान स्थापित कर सके | हमे अपने बच्चो की शिक्षा और स्वस्थ्य पर विशेष ध्यान देकर अपन देश को और अधिक सबल बना सकेंगे | स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात भी आज हमारे देश में उचित शिक्षा और रोजगार की अत्यधिक मात्रा में कमी है | हम अपनी शक्तियों आज भुला बैठे है हमे फिर से अब अपने देश की लाचारी , बेरोज़गारी , गरीबी इत्यादि विषयो पर कार्य कर और उन्नत बना सकेंगे जिससे की हमारा देश सभी दृषिकोणो से सबल बन सके |

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