hindi essay on pollution – प्रदुषण पर हिंदी निबंध
आइये सीखते है प्रदूषण पर हिंदी निबंध –
प्रस्तावना –
प्रदुषण आज मानव जीवन के लिए एक अभिशाप बन चूका है | आज पूरी दुनिया प्रदूषण के दंश को झेल रही है | प्रदुषण के कारण लोग भिन्न – भिन्न बीमारियों का शिकार हो रहे है | प्रदूषण से प्रकर्ति को भी बड़े स्तर पर नुक्सान पहुँच रहा है | पृथ्वी पर पाए जाने वाले सभी जीव प्रदूषण की गंभीर समस्या से दो – चार हो रहे है | पूरा मानव जीवन प्रदूषण के कारण अस्त – व्यस्त हो चूका है |
प्रदूषण का अर्थ –
प्रदूषण का शाब्दिक अर्थ होता है – ” हवा , पानी , मिटटी का अवांछनीय पदार्थो से गन्दा हो जाना | प्रदूषण को आसान भाषा में उक्त उदाहरणों से समझ सकते है | हमारे पर्यावरण में दूषित पदार्थो के प्रवेश से प्राकिर्तिक असंतुलन की स्थिति पैदा हो जाती है | जिसे हमलोग प्रदूषण कहते है | प्रदूषण के कारण हमारा पारिस्थितिकी तंत्र में बदलाव आ जाते है और सजीवों के ऊपर इसका विपरीत परिणाम भी देखने को मिलता है |
hindi essay on pollution – प्रदुषण पर हिंदी निबंध
प्रदूषण के प्रकार – प्रदूषण के मुख्यतः चार प्रकार होते है –
1.वायु प्रदूषण –
हवा में ऐसे तत्वों का मिल जाना जिससे सभी सजीव प्राणियों को नुक्सान पहुँचता है , वायु प्रदूषण कहलाता है | वायु प्रदूषण से जीवो में श्वशन – सम्बन्धी समस्यायें उत्पन्न् हो जाती है | स्वच्छ वायु का प्रयाप्ता नहीं होने से जीवो के जीवन काल पर भी नकारात्मक प्रभाव परता है |
संसार में बढ़ती कल – कारखानों से आज अत्यधिक मात्रा में कार्बोनडाईऑक्सइड , कार्बोनमोनोऑक्सइड इत्यादि जहरीली गैसों का मुक्त होना पुरे मानव जीवन के अस्तित्व को खतरे में डाल रहा है | बढ़ते प्रदूषण से आज मानव जीवन का जीवन काल भी काम हो रहा है |
लोगो में स्वस्थ्य – सम्बन्धी कई साड़ी विमारिया उत्पन्न हो रही है | प्रदूषण के कारण लोग पर्कृति से भी दूर होते जा रहे है | प्रदूषण से प्रकृति को गहरा नुक्सान पहुँच रहा है |
2.जल प्रदूषण –
जल में ऐसे बाहरी रासायनिक तत्वों का मिल जाना जिससे किसी भी प्राणी को नुक्सान पहुँचता है , जल प्रदूषण कहलाता है | आज स्वच्छ जल की कमी से पूरी दुनिया जूझ रहा है और हमे स्वच्छः जल नहीं मिल रहा है |
आज बढ़ती कल – कारखानों से प्राप्त अवशेष और रसयांकिक पदार्थो को नदी , नहर तथा नालियों से जोड़कर उनका निष्कासन किया जाता है और वो जल में मिलकर जल को प्रदूषित कर देता है | जिससे जल प्रदूषण की समस्या उपन्न होती है | आज दुनिया में जानवर , पक्षी, सरिसर्प इत्यादि प्राणी लुप्त होते हुए दिखाई दे रहे इसका एक बड़ा कारण जल प्रदूषण भी है |
hindi essay on pollution – प्रदुषण पर हिंदी निबंध
प्रदुसित जल के उपयोग से हमारा जीवन अस्वथ हो गया है हम खिन्नता का शिकार हो गए है , हम अपने अस्वथ वंश की उत्पत्ति कर रहे है | जल प्रदूषण से गरीब समुदाय के बच्चो में अत्यधिक तेजी से बीमारी का संचार हुआ है | जल प्रदूषण के कारण गरीब बच्चो का एक बड़ी संख्या हैजा , तपेदिक इत्यादि छुआछूत जैसी बीमारियों का शिकार हो रहे और इसका साक्ष्य लोग संचार न्यूज़ के माध्यम से देख ही पा रहे है |
3.भूमि प्रदूषण –
मनुष्य अपनी आवश्यकताओं के पूर्ति हेतु किसी भी हद तक जाने को तैयार है | अपनी सम्पदा तथा आर्थिक दृष्टिकोण से और सबल होने के लिए प्रकृति का दोहन कर रहे है | जंगलो तथा वनों को काटकर वहा बड़ी बड़ी फैक्ट्रियाँ स्थापित कर रहे है | बढ़ती जनसंख्याओं को देखते हुए लोग जंगलो का विनाश कर रहे है , वनो की कटाई कर रहे है |
जिससे बढ़ती हुई आबादी को रिहायश के लिए स्थापित किया जा सके | और इसका दुष्परिणाम हम इंसानो को भुगतना परता है | जिससे मिटटी का अपरदन आसानी के साथ हो जाता है , मिटटी का कटाव अत्यधिक बढ़ जाता है जिससे मिटटी का दोहन हो रहा है |
अत्यधिक धन की लालसा में हम इंसानो ने मिटटी में रसायनकी पदार्थो को मिलाना शुरू कर दिया है कि हम अत्यधिक मात्रा में अनाज का भण्डारण कर उन्हें एक व्यावसायिक मंच प्रदान कर सके जिससे हम आर्थिक लालसा को पूर्ण कर सके | परन्तु इसके नकारात्मक परिणाम हमे दिखाई नही देता है | मिटटी को बड़े स्तर पर प्रदुसित किया जा रहा है |
हम आज रोजमर्रा की जिंदगी में प्लास्टिक का अत्यधिक मात्रा में प्रयोग कर रहे है , और जिसका अपघट्न नहीं किया जाए सकता है जो मिटटी में मिलकर मिटटी को प्रदुसित कर रहे है | उनकी उर्वराशक्ति का ह्राष हो रहा है | और वनो को व्यापक स्तर पर नुक्सान पहुँच रहा है | परन्तु इस कृत्य से एक दिन मानव जीवन का अस्तित्व में रहना असंभव हो जाएगा |
4. ध्वनि प्रदूषण –
ध्वनि में अनावश्यक पदार्थो के मिल जाने से हमे हमे स्पस्ट व् प्राकृतिक ध्वनि सुनाई नहीं देती है , जिसे ध्वनि प्रदूषण कहा जाता है | बढ़ती वाहनों तथा कल – कारखानों से निकलने वाली ध्वनिया ध्वनि को प्रदुसित कर रही है |लोगो के द्वारा वाद्ययंत्रों के अतयधिक प्रयोग से इस प्रदूषण की समस्या देखने को मिलती है |
इस प्रदूषण का मानव जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पर रहा है | लोगो की श्रवण – छमता कम हो रही है | कान में होने वाली बीमारिया अत्यधिक मात्रा में बढ़ रही है | लगबग प्रत्येक व्यक्ति इस समस्या शिकार हो ही गए है | और इस समस्या का एक बड़ा कारक ध्वनि प्रदूषण है | ध्वनि प्रदूषण से लोगो की मानसिक छमता को भी आघात पहुँचता है |
ध्वनि प्रदूषण से लोगो की आस्था भी समस्याओ का शिकार हो गया है | लोग ध्वनि प्रदूषण के कारण पूजा – अर्चना भी शांत – चित्त होकर करने में विफल हो रहे है | लोगो का मन इस प्रदूषण के कारण अशांत बना हुआ रहता है | शोर गुल व् कोतुहल भरी इस जिंदगी में लोगो का शांत – चित्त होकर यापन करना मुहाल हो गया है |
प्रदूषण को कम करने के उपाय –
निचे निम्नलिखित वाक्यों पर गौर करके प्रदूषण को कम किया जा सकता है –
- कृषि कार्यो में रासायनिक उर्वरक का प्रयोग न करके , जैविक उर्वरक के प्रयोग पर ध्यान देना |
- ध्वनि प्रसारक यंत्रो का काम मात्रा में प्रयोग करके |
- कल – खरखानो से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थो को रोकथाम करके |
- बढ़ती हुई जनसँख्या को रोकथाम करके इस समस्या से पार किया जा सकता है |
- अत्यधिक मात्रा में पेड़ – पौधों को लगाकर इस समस्या की रोकथाम की जा सकती है |
- प्लास्टिक से बने सामग्री का विरोध कर इस समस्या से बाहर निकाला जा सकता है |
- वाहन के प्रयोग को काम करके तथा साइकिल की सवारी को बढ़ावा देकर भी इस मुश्किल से निजात पाया जा सकता है |
अर्थात इस समस्याओं के जिम्मेदार पूरी तरह से हम इंसान ही है | हम इंसान ही इस मुस्किलो को पैदा करते है | और अब इस समस्या से निबटने के लिए हम इंसानो को ही जागरूक होना होगा तभी हम इस समस्या से निकल सकते है अन्यथा इस संसार से समस्त प्राणी का अस्तित्व मिट सकता है |
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इस लेख को पढ़ने के लिए आपका दिल से आभार !