Hindi Nibandh on Diwali For Children and Students

hindi nibandh on diwali

दोस्तों आज का यह लेख महत्वपूर्ण होने वाला है क्योंकि आज के इस लेख के माध्यम से हम होली के बारे में सीखेंगे | आज का यह लेख कक्षा 2,3 ,4 …….10 तक अतएव उससे भी ऊपर की कक्षा में पढ़ने वाले छात्र एवं छात्राओं के लिए काफी मददगार साबित होने वाली है साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों के लिए भी काफी मूलयवान है तो चलिए चलते है आज के निबंध  hindi nibandh on diwali 2023  को विस्तारपूर्वक समझने का प्रयास करते है – 

hindi nibandh on diwali  — दिवाली पर हिंदी निबंध 

दिवाली : एक परिचय

दीपावली हिन्दू धर्म के लोगो के लिए एक महत्वपूर्ण  पर्व  माना जाता है | यह पर्व भारत में बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है | बताया जाता है की जब मर्यादा पुरुष भगवान  राम 14 वर्ष  वनवास की परीक्षा  पूर्ण कर अपने राज्य  प्रस्थान करता है ,  तो  राज्य के लोग घी के दिए जलाकर उनका स्वागत करते है ,  जिसे ” दीपावली ” के नाम से जाना जाता है |  इसे आध्यात्मिक दृष्टकोण से अंधकार को प्रकाश की जलती लौ से प्रकाशित कर बुराई पर अच्छाई से  विजय प्राप्त किया जा सकता है | इस पर्व से हम समाज के अंदर एक सकारात्मक सन्देश पहुँचता है बल्कि आज  हम इसे सिर्फ बम  , पटाखे तथा मनोरंजन का ही  पर्व के रूप में मानते है जबकि यह हमारे समाज को इसके सही अर्थ से समाज में व्यापक बदलाव लाने में मददगार साबित हो सकता है |

दिवाली के दिन से एक दिन पूर्व का दिन ” धनतेरस ” का दिवस मनाया जाता है और हम हिन्दू – संस्कृति के आधार पर इस दिन  किसी आवश्यक वस्तुओ की खरीदारी को  शुम मानते है | इस दिन सभी लोग बाजार जाते है और बहुत साड़ी आवश्कयतो की चीज़ो को खरीदते है और इस दिन को काफी उत्साह के साथ व्यतीत करते है |  यहाँ तक की लोग अपने सपनो को भी इस दिन पूरा करने में अपनी काफी रूचि प्रकट कर पाते है और ढेर सारा प्यार लोगो में देखने को मिलता है | सभी वर्ग के लोग फिर चाहे कुम्हार , किसान , व्यापारी हो या कोई सरकारी आदमी या किसी भी निमतम या उच्चतम वर्ग के लोग क्यों न हो सभी एक दूसरे से अपनी खुसिया बाँटते है और दिवाली के इस पर्व को मानते है |

hindi nibandh on diwali

  hindi nibandh on diwali 

दिवाली के दिन घर में लोग  पकवान का सेवन करने से भी वंचित नहीं कर पाते है और आनंदमय पल का आनंद लेते है | इस दिन बच्चे और भी ज़यादह खुश रहते है और पटाखे , बम  इत्यादि चीज़ो से खूब सारा आनंद उठाते है | खासकर इस पर्व को बच्चे बहुत ही बेसब्री से इंतज़ार करते रहते है | इसलिए की बच्चे  पुरे वर्ष पढाई – लिखाई तथा घरेलु गतिविधियों में व्यस्त रहते है जिससे बच्चे ऊबाउपन का शिकार हो जाते है और फिर उसके सामने दिवाली का त्यौहार आता है और वो अब बहुत ज़यादह खुश हो जाते है तथा अपनी पिछली ख़राब अनुभवों को मिटा पाने में सक्षम हो पाते है |

दिवाली एक सामजिक सन्देश के रूप में -:

  दिवाली प्रत्येक वर्ष भारत में  शरद ऋतु ( उत्तरी गोलार्ध ) में मनाया जाता है | परन्तु भारतीय कैलेंडर के अनुसार यह कार्तिक मास के अमावस्या की रात को मनाया जाने वाला पर्व है | और यह अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार अक्टूबर के अंतिम सप्ताह या नवम्बर के प्रथम सप्ताह में मनाया जाता है | हिन्दू धर्म में इस पर्व को बड़े  ही उल्लास के साथ मनाया जाता है | इस पर्व से हमे एक अद्भुत प्रेरणा भी मिलती है जो ये है की कितनी ही गहराती अँधेरा क्यों ना हो  मात्र एक किरण ही उस अँधेरी को दूर करने में सक्षम  है अर्थात हम अज्ञानता के इस सामाजिक पीड़ा को ज्ञान के प्रकाश से  उजियारा कर सकते है | ज्ञान के प्रकाश से हम समाज की फैली बुराइयों को जड़ से मिटा सकते है | दरअसल दिवाली तो इसी उद्देश्य की पूर्ति करने का नाम है |

 

उपसंहार –

भारतीयो की मान्यता है की सत्य की हमेशा जीत होती है और झूठ का विनाश होता है | दिवाली इस बात की और इंगित करता है की हम झूठ और क्रूरता से भले ही प्र्रेशन हो सकते है लेकिन सत्य को पराजित नहीं किया जा सकता है | दीवाली के कुछः दिन  पहले से ही हमलोग साफ़ – सफाई का ध्यान रखना सुरु कर देते है |हमे इस बात का आभाष तक नहीं होता की कीतनी ही ज़यादह ध्वनि तथा वायु को प्रदूषित कर रहे है और मानवता का हनन कर रहे | प्रत्येक वर्ष सिर्फ एक दिन में ही हमलोग न जाने कितनी ही विशाल मात्रा में पर्यावरण को आघात पहुंचते है | अपने शौक और आनंद के कारण कितनी ही प्रजातियों को समस्याओ का शिकार बना लेते है इसका हमे तनिक भी ज्ञान नहीं होता है | अतः हम अपने अस्तित्व को ही खतरे में दाल रहे है है |

हमे इस बात का आभाष तक नहीं होता की कीतनी ही ज़यादह ध्वनि तथा वायु को प्रदूषित कर रहे है और मानवता का हनन कर रहे | प्रत्येक वर्ष सिर्फ एक दिन में ही हमलोग न जाने कितनी ही विशाल मात्रा में पर्यावरण को आघात पहुंचते है | अपने शौक और आनंद के कारण कितनी ही प्रजातियों को समस्याओ का शिकार बना लेते है इसका हमे तनिक भी ज्ञान नहीं होता है | अतः हम अपने अस्तित्व को ही खतरे में दाल रहे है है |

उपाय के दृष्टिकोण से -:

हमे दिवाली के पर्व के दौरान सावधानी बरतने की जरूरत है | बम , पटाखे आदि के अत्यधिक प्रयोग को रोकना होगा | जिससे ध्वनि तथा वायु प्रदूषण की रोकथाम की जाए सकेगी | बजाये इसके हमे इसकी महत्वों को समझ कर सकारात्मक पक्षों को मजबूत करना एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा |  इस पर्व से हमे स्वच्छ रहने का भी सन्देश प्राप्त होता है | लोग घर की साफ़ – सफाई के साथ – साथ गली , मुहल्लों , गांव , तथा अपने शहरों की भी साफ़- सफाई करते  है | अर्थात इस पर्व के आते ही हम स्वच्छता के प्रति और अधिक संवेदनशील हो जाते है और हमारी संवेदना और अधिक प्रखर हो जाती है |

hindi nibandh on diwali 

अगर हम इस पर्व के सकारात्मक पहलुओं पर ध्यान देंगे तो हमे एक आश्चर्यजनक परिणाम निकलकर हमारे सामने आ जायेगा की हम पुरे देश को सिर्फ एक या दो दिन के लिए ही स्वच्छ रखने के लिए कितने ही संवेदनशील होते दिखाई देते है और फिर यही विचारधार हम और आगे लेकर बढ़ेंगे तो हमारा जीवन और भी उन्नत हो जायेगा और हम विश्व स्तर पर एक सम्मान स्थापित कर सकते है |  हम अपने गली , मोहल्ले , गांव और शहरो की स्वच्छता के जिम्मेदारी को दैनिक जीवन की आवश्यक्ताओ की तरह इस विषय को भी जोर पाएंगे तो हम विश्व स्तर पर सबसे अधिक स्वच्छता पूर्ण होने का धरोहर प्राप्त कर सकते है |

hindi nibandh on diwali  पढ़ने के लिए धन्यवाद !

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